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अध्यापकों को पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रहना अनिवार्य, कोर्ट ने अंतर जिला तबादलों की सरकारी नीति वैध करार

 अध्यापकों को पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रहना अनिवार्य, कोर्ट ने अंतर जिला तबादलों की सरकारी नीति वैध करार

प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों के अंतर जिला तबादलों के संबंध में हाईकोर्ट ने कहा कि नियुक्ति के समय अध्यापकों को पांच साल और अध्यापिकाओं को दो साल पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रहना अनिवार्य है। इस अवधि में किसी का तबादला नहीं किया जा सकेगा। विशेष स्थिति में ही केवल अध्यापिकाओं को छूट मिलेगी।


सरकारी नीति वैध करार : कोर्ट ने दो दिसंबर 2019 के शासनादेश के खंड-2 (1)(ए)(बी) 16 व 17 को विरोधाभाषी मानते हुए शून्य करार दिया है। सेवाकाल में अध्यापकों को अंतर जिला तबादलों का एक अवसर देने की सरकारी नीति को वैध करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार को शर्ते लगाने का पूरा अधिकार है। यह सरकार का नीति का विषय है। कोर्ट के इस फैसले से अंतर जिला तबादलों की स्थिति साफ हो गयी है।

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