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UP में निजी क्षेत्र में 13 विश्वविद्यालयों को खोलने का प्रस्ताव निरस्त

 UP में निजी क्षेत्र में 13 विश्वविद्यालयों को खोलने का प्रस्ताव निरस्त

निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव को शासन ने निरस्त कर दिया है। विश्वविद्यालय के लिए तय मानक के मुताबिक जमीन की उपलब्धता नहीं होने पर निरस्तीकरण का आदेश जारी किया गया है। तीन अन्य प्रस्तावों को भी निरस्त करने की कार्यवाही चल रही है। वहीं छह निजी विश्वविद्यालयों को खोलने के लिए मानक के मुताबिक

जमीन की व्यवस्था करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया गया है। निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आशय पत्र निर्गत करने के संबंध में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक में यह फैसले लिए गए। विचाराधीन 31 प्रस्तावों पर विचार के बाद फैसले लिए गए। मुख्य सचिव ने निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए मिले सभी प्रस्तावों का निस्तारण पारदर्शिता के साथ निश्चित समय में करने के निर्देश दिए। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग के साथ ही वित्त, न्याय तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इन विवि के प्रस्ताव निरस्त किए गए सर्वदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़, कृष्ण लाल मेमोरियल यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, पं. दीन दयाल उपाध्याय फरह विश्वविद्यालय मथुरा, अलीगढ़ विश्वविद्यालय अलीगढ़ (एएसीएन), एसआरडी यूनिवर्सिटी फिरोजाबाद, पीके यूनिवर्सिटी मथुरा, दून यूनिवर्सिटी सहारनपुर, पीएसआईटी कानपुर, एसआरएम यूनिवर्सिटी गाजियाबाद, आरकेजी यूनिवर्सिटी पिलखुवा हापुड़, डा. विजय इन्टरनेशनल यूनिवर्सिटी वाराणसी, श्रीमूर्ति ठाकुर मदन मोहन केदार महन्त नारायण यूनिवर्सिटी मिर्जापुर तथा महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी कानपुर के प्रस्ताव को निरस्त करने के आदेश दिए गए। और तीन प्रस्ताव भी निरस्त किए जाने की है तैयारीतीन विश्वविद्यालयों विवेक यूनिवर्सिटी बिजनौर, एसडीजीआई यूनिवर्सिटी गाजियाबाद तथा बीके यूनिवर्सिटी मथुरा के प्रस्ताव मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। इन प्रस्तावों को भी निरस्त करने की प्रक्रिया चल रही है। जमीन का मानक पूरा करने के लिए इन्हें दिया गया समयछह विश्वविद्यालयों मौलाना रूरल यूनिवर्सिटी सीतापुर, मेघ सिंह विश्वविद्यालय आगरा, केएन मोदी विश्वविद्यालय गाजियाबाद, महर्षि रामायण अयोध्या, एसआर यूनिवर्सिटी लखनऊ तथा जेबीएम यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा को भूमि सम्बन्धी मानक पूरा करने के लिए 31 दिसम्बर 2020 तक का समय दिया गया है। रामा विश्वविद्यालय हापुड़ का निरीक्षण किया जा चुका है। एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा तथा इमानुएल यूनिवर्सिटी रायबरेली के निरीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जेएसएस यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा, महावीर यूनिवर्सिटी मेरठ, जीएस यूनिवर्सिटी हापुड़, राजश्री यूनिवर्सिटी बरेली, फारूक हुसैन यूनिवर्सिटी एत्मादपुर आगरा तथा मेजर एसडी सिंह विश्वविद्यालय फर्रूखाबाद के प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं।

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