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उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में फर्जी शिक्षकों की बड़़ी तादात, फर्जी मिला दस्तावेज, 100 फर्जी शिक्षकों का खुला राज

 उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में फर्जी शिक्षकों की बड़़ी तादात, फर्जी मिला दस्तावेज, 100 फर्जी शिक्षकों का खुला राज 

पूर्वांचल में फर्जी शिक्षकों की बड़़ी तादात है। सहजनवा इलाके के हरदी गांव का रहने वाला फर्जी शिक्षक यदुनन्दन यादव ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर शिक्षक बन गया‚ फिर पत्नी और भाई को भी मास्टर की नौकरी थमा दिया। फर्जी शिक्षक के जरिये गोरखपुर और बस्ती मंड़ल के विभिन्न जिले में ७० फर्जी शिक्षकों का दस्तावेज एसटीएफ के हाथ लग गई है। पूवाÈचल के अन्य जिले में नौकरी करने वाले तीस और फर्जी शिक्षकों का दस्तावेज मिलने के बाद नौकरी करने वाले फर्जी शिक्षक स्कू ल से पलायन हो गए हैं। फर्जी कागजता पर नौकरी करने वाले

शिक्षक अपने मूल जिले की बजाए दूर के जिले में सरकारी विद्यालयों में नौकरी नहीं कर रहे है। ॥ सहजनवा थाने के हरदी निवासी शिक्षक यदुनन्दन यादव सिंघला रेजीडें़सी थाना कोतवाली बाराबंकी जिले में प्रमोद कुमार सिंह के नाम का फर्जी कागजात के बदौलत नौकरी करता था। फर्जीवाडा की जानकारी मिलने पर एसटीएफ गोरखपुर और लखनऊ की संयुक्त टीम ने यदुनन्दन को दबोच लिया। पकड़े़ जाने के बाद खुलासा हुआ की वह मानव संपदा पोर्टल की वेबसाइड़ का दुरु पयोग करके बहुतेरे लोगों को शिक्षक की नौकरी दिलायी है। जालसाजी से ही उसने पत्नी श्रीलता यादव को भी फर्जी कागजात तैयार कर अर्चना पांडे़य के नाम से उच्च प्राथमिक विद्यालय गदिया जनपद बाराबंकी में शिक्षक बनवा दिया। इसके बाद उसने भाई सत्यपाल यादव निवासी हरदी सहजनवां को भी बारांबकी जिले में शिक्षक की नौकरी दिलायी थी । जांच के दौरान यह बात सामने आयी कि मानव संपदा उत्तर प्रदेश पोर्टल से पब्लिक विन्ड़ों में दी गयी सूची के आधार पर वह जानकारी करता था। जिन फर्जी शिक्षकों से संपर्क नहीं होता था तो उस गांव के प्रधान के जरिये फर्जी शिक्षक तक पहंुचता था। वह फर्जी शिक्षकों से पैसा वसूलने के लिए दूसरा हथकांड़ा अपनाया था। वह अध्यापकों का हाईस्कूल‚ इंटरमीडि़एट ‚स्नातक और बी एड़ आदि दस्तावेजों का खुद अध्यन करने के बाद फर्जी दस्तावेज के जरिये नौकरी हथियाने वालों को खोज निकालता था और फिर पैसे का डि़मांड़ करता था। उसके पकड़े़ जाने के बाद बहुतेरे फर्जी शिक्षकों का दस्तावेज पुलिस को आसानी से मिल गया है। ॥ जालसाज ने बड़़हलगंज जिले के खोरी पट्टी प्राथमिक विद्यालय में आशीष कुमार सिंह के नाम का फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने वाला प्रमोद कुमार यादव को खोज निकाला और फिर फर्जी शिक्षक का हवाला देकर पैसा का डि़मांड़ किया था। तभी सविलांस के जरिये टीम ने उसे पकड़़ लिया। जालसाज के गाड़़ी में मिले फर्जी दस्तावेजों से बहुतेरे फर्जी शिक्षकों का राज खुल गया। इसी आधार पर छानबीन में पता चला कि गोरखपुर जिले के फर्जी शिक्षक दस‚ देवरिया चालीस‚ सिद्वार्थनगर दस‚ जौनपुर दस समेत ७० शिक्षकों की कुंड़ली एसटीएफ के हाथ लगी है। इसके आलावा बलिया‚ अयोध्याय समेत कई जिले में दूसरे के नाम पर शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। ॥ फर्जी शिक्षकों का मिला दस्तावेज॥ गोरखपुर १२॥ देवरिया ४०॥ सिद्वार्थनगर १०॥ जौनपुर १०॥ कुशीनगर ८॥ एसटीएफ गोरखपुर प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि सहजनवा का रहने वाला फर्जी शिक्षक यदुनन्दन यादव और उसका भाई सत्यपाल यादव समेत तीन की गिरफ्तारी के बाद शिक्षक की नौकरी करने वाले बड़े़ गैंग का पता चल गया है। उन्होनेे कहा कि जिलेवार टीम काम कर रही हैं। बहुत जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। ॥ सत्यप्रकाश सिंह एसटीएफ प्रभारी‚गोरखपुर॥ फर्जी कागजात तैयार कर पत्नी और भाई को भी बना दिया मास्टर साहब॥ भाभी और देवर की खुली कुंड़ली‚ फिर बहुतेरे फर्जी शिक्षक जा सकते हैं सलाखों के पीछे॥ सहजनवा का रहने वाला है फर्जी कागजात तैयार करने वाला सरगना॥ 

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