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शिक्षा नीति में भारतीयता को प्राथमिकता: अग्निहोत्री

शिक्षा नीति में भारतीयता को प्राथमिकता: अग्निहोत्री

अभी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति पेश की गई है वो 185 सालों से चली आ रही मैकाले की शिक्षा पद्धति को बदलने का प्रयास है। बीच-बीच में शिक्षा पद्धति में बदलाव के लिए कई तरह की समितियों की सिफारिशें लागू की गईं। पुरानी शिक्षा पद्धति में शिक्षा नीति के नाम पर पैबंद लगाया गया था लेकिन वो भी ठीक से नहीं लग पाया था। ये कहना है हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री का। प्रो. अग्निहोत्री दैनिक जागरण के अभियान हिंदी हैं हम के अंतर्गत कुलपति संवाद श्रृंखला में नई शिक्षा नीति पर अपने विचार प्रकट कर रहे थे।

प्रो. अग्निहोत्री ने कहा कि भारत की शिक्षा नीति का मूल आधार संस्कृति, कला और भारतीय भाषाएं हैं। इससे ही हमारे विश्वविद्यालय ज्ञान के केंद्र बनेंगे। अभी तक देश में जो शिक्षा पद्धति चल रही है उसका उद्देश्य लिपिक पैदा करना था क्योंकि अंग्रेजों ने इसी मानसिकता से शिक्षा की पद्धति शुरू की थी।

प्रो. अग्निहोत्री के मुताबिक अभी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति आई है वो भारतीयता को आगे रखकर बनाई गई है। हिंदी हैं हम के तहत दैनिक जागरण अपनी भाषा हिंदी को मजबूत करने का अभियान चला रहा है। इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर देश के अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कुलपति से संवाद का आयोजन किया गया है।

प्रो. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री

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