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यूपी में 62 वर्ष पूरी कर चुकीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा होगी समाप्त

यूपी में 62 वर्ष पूरी कर चुकीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा होगी समाप्त


प्रदेश सरकार ने 62 वर्ष की आयु सीमा पूरी करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा समाप्त करने का फैसला किया है। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के क्रियाकलापों की जांच भी कराई जाएगी। शासन को लगातार यह शिकायत मिल रही है कि सरकार के दिशा-निर्देश के विपरीत अब भी 62 वर्ष से अधिक आयु की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से सेवा ली जा रही है और उनको मानदेय दिया जा रहा है।

जिसे शासन ने वित्तीय अनियमितता माना है। दरअसल, प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग द्वारा बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन सभी कार्यक्रमों को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है।
सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन भी उपलब्ध कराया गया है। लेकिन, विभागीय समीक्षा में यह पाया गया है कि बहुत से आंगनबाड़ी केंद्रों का न तो संचालन किया जा रहा है और न ही पोषाहार वितरण से संबंधित नियमित रिपोर्ट ही उपलब्ध कराई जा रही है।
इसी तरह विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए स्मार्ट फोन का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया के संबंध में 4 सितंबर-2012 में जारी शासनादेश का भी उल्लंघन किया जा रहा है।
शासनादेश में पहले से है रोक की बात
शासनादेश के जरिये 62 साल से अधिक आयु वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ड्यूटी दिए जाने पर रोक है। इसके बावजूद प्रदेश में 1.88 लाख 259 में से करीब 25 प्रतिशत ड्यूटी करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऐसी है जिनकी आयु 62 वर्ष से अधिक है। शासन ने 62 वर्ष से अधिक आयु वाली कार्यकर्ताओं से ड्यूटी कराने और उन्हें मानदेय दिए जाने को वित्त्तीय अनियमितता माना है।

इसी कड़ी में बाल विकास सेवा एवं पोषाहार विभाग की विशेष सचिव गरिमा यादव ने निदेशक आईसीडीएस को 62 साल से अधिक आयु वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के क्रियाकलापों की जांच के निर्देश दिए हैं।

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