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अलीगढ़ जिले में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले 22 बेसिक में कार्यरत शिक्षकों की होगी जांच

अलीगढ़ जिले में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले 22 बेसिक में कार्यरत शिक्षकों की होगी जांच

बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में काम करने वाले 22 शिक्षकों के खिलाफ जांच की तलवार लटक गई है। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय वाराणसी से बीएड करने वाले इन शिक्षकों के नाम एसआईटी ने अपने संदिग्ध अभ्यर्थियों की सूची में शामिल किए हैं, जिसके बाद इन सभी के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन करवाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।




जानकारी के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में फर्जी शिक्षकों का प्रकरण उजागर होने के बाद विभाग लगातार शिक्षकों की जांच करवा रहा है। इस दौरान एसआईटी ने विभाग को 16 ऐसे शिक्षकों की सूची भेजी है जिनकी डिग्री संदेहास्पद है और इसकी जांच कराई जानी चाहिए। इन सभी शिक्षकों ने है वाराणसी स्टेशन वाराणसी के संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से बीएड की डिग्री हासिल की है।


 एसआईटी से 16 शिक्षकों की सूची हासिल होने के बाद विभाग ने मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड जानकारी से मिलान करके 6 शिक्षकों के नाम और शामिल किए हैं जिन्होंने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से ही बीएड किया है। इन सभी के मामले भी एक जैसे हैं और संदेह के घेरे में है। अब विभाग ने इन सभी 22 शिक्षकों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इन विद्यालयों में कार्यरत है यह शिक्षक

जिले के जिन शिक्षकों की बीएड डिग्री की जांच विभाग ने शुरु करी है वह सभी अलग-अलग विद्यालयों में कार्यरत हैं। इन शिक्षकों की ड्यूटी प्रावि दीनापुर बिजौली, प्रावि नगला बाटुल, प्रावि पाली मुकीमपुर, प्रावि सांकरा, प्रावि खैमपुर, प्रावि नगला मढ़ैया, प्रावि भवानीपुर, प्रावि अजाहरी, प्रावि सरकोरिया, प्रावि नगला पटवारी, प्रावि सीयपुर, प्रावि आजादनगर, प्रावि केसीनगला, प्रावि नगला भोपा, प्रावि महारावल, प्रावि उटवारा नम्बर 1, प्रावि उटवारा नम्बर 2, प्रावि जट्टारी नम्बर 2, प्रावि शाहनगर सौरोला, प्रावि सिकंदरपुर, प्रावि संग्रामपुर, प्रावि टीकरी कनोवी में कार्यरत है। इन सभी के बीएड डिग्री का सत्यापन किया जाएगा।

शिक्षकों की बीएड डिग्री में संदेह की स्थिति होने के कारण इनके सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई है। अगर जांच में किसी तरह की गड़बड़ी सामने आई तो इनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। -डॉ लक्ष्मीकांत पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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