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लखनऊ: दस्तावेज सत्यापन के लिए 22 में से पहुंचे दो कॉलेज, शैक्षिक प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज जांचे जाने का सरकार का आदेश शिक्षकों को रास नहीं आ रहा

लखनऊ: दस्तावेज सत्यापन के लिए 22 में से पहुंचे दो कॉलेज, शैक्षिक प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज जांचे जाने का सरकार का आदेश शिक्षकों को रास नहीं आ रहा

लखनऊ : शैक्षिक प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज जांचे जाने का सरकार का आदेश शिक्षकों को रास नहीं आ रहा। दस्तावेज सत्यापन के लिए जुबली इंटर कॉलेज में पहले दिन मंगलवार को टीम इंतजार करती रही। 22 कॉलेजों के ¨प्रसिपलों को अपने-अपने शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन कराने के लिए पहुंचना था, मगर उसमें भी महज दो कॉलेज के ¨प्रसिपल ही पहुंचे। वे भी आधे-अधूरेदस्तावेज के साथ, जिन्हें टीम ने वापस कर दिया।

राजकीय जुबली इंटर कॉलेज में राजधानी के करीब डेढ़ सौ से अधिक सरकारी, एडेड और संस्कृत विद्यालयों के लगभग 3400 शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन होने हैं। पहले दिन यानी मंगलवार को 22 कॉलेजों को सत्यापन के लिए बुलाया गया था। जुबली इंटर कॉलेज के ¨प्रसिपल धीरेंद्र मिश्र ने बताया कि जो शिक्षक आए थे उनके दस्तावेज भी पूरे नहीं थे। इस कारण उन्हें पूरे दस्तावेज के साथ आने के लिए कहा गया है। सत्यापन कार्य 4 अगस्त तक चलेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ. महेंद्र नाथ राय का कहना है कि कई शिक्षक ऐसे भी हैं, जिनके मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र वर्षो पुराने होने के कारण खराब हो गए हैं।

प्रमाण पत्र गुम होने की दशा में उसे पुन: बनवाने के लिए संबंधित विश्वविद्यालय या संस्थान तक दौड़ लगाना शिक्षकों की मजबूरी बन जाएगी। महेंद्र नाथ राय ने कहा कि जब दस्तावेज की छायाप्रति से भी सत्यापन किया जा सकता है तो मूल प्रमाण पत्र क्यों जमा कराए जा रहे हैं? उन्होंने सरकार से मांग की है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य टाल दिया जाए।

पहले दिन नहीं खुल सका सत्यापन का खाता जुबली इंटर कॉलेज में सत्यापन के लिए स्कूलों का इंतजार करती रही टीम, जो पहुंचे भी वो आधे-अधूरे दस्तावेज के साथ

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