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69000 शिक्षक भर्ती: महिला आरक्षण का मामला भी पहुंचा कोर्ट, सीधी भर्तियों में महिलाओं को 20 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज आरक्षण देने की है व्यवस्था, मांग को लेकर दाखिल हुई याचिका

69000 शिक्षक भर्ती: महिला आरक्षण का मामला भी पहुंचा कोर्ट, सीधी भर्तियों में महिलाओं को 20 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज आरक्षण देने की है व्यवस्था, मांग को लेकर दाखिल हुई याचिका

परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में महिलाओं को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण न देने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। प्रदेश सरकार ने 26 फरवरी 1999, 29 अगस्त 2003, 9 जनवरी 2007 और 28 अगस्त 2015 को शासनादेश जारी कर राज्य के अधीन लोक सेवाओं और पदों पर सीधी भर्ती में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया है। लोक सेवा आयोग की पीसीएस, खंड शिक्षा अधिकारी भर्ती व लेखपाल आदि सीधी भर्तियों में महिलाओं को 20 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज आरक्षण देने की व्यवस्था है।

लेकिन 69000 शिक्षक भर्ती में इसका प्रावधान नहीं है। अब प्रदेश सरकार की ओर से जारी शासनादेशों के अनुरूप 69000 शिक्षक भर्ती में भी 20 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज आरक्षण लागू कराने के लिए लखनऊ की मीना कुशवाहा व अन्य ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। जिसपर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनीष कुमार ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है। मीना कुशवाहा का कहना है कि महिलाओं को आरक्षण देने संबंधी शासनादेश होने के बावजूद 69000 शिक्षक भर्ती में उसका अनुपालन बेसिक शिक्षा विभाग नहीं कर रहा है। जिससे वह न्यायालय की शरण लेने को मजबूर हैं। गोंडा के दुर्गेश प्रताप सिंह का कहना है कि वर्ष 2011 में विज्ञापित 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती और उससे पूर्व की विशिष्ट बीटीसी शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं में 50 प्रतिशत पद विभिन्न श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित रहते थे। परिषदीय विद्यालयों में 6 से 14 वर्ष तक की छात्राएं भी पढ़ती हैं तो यह उचित है कि वह विद्यालय में महिला शिक्षकों की उपस्थिति में शिक्षा ग्रहण करें। यदि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था बहाल *होती है तो यह आरक्षण क्षैतिज प्रकृति का होगा अर्थात चयनित महिला जिस श्रेणी की होगी उन्हें उसी श्रेणी में समायोजित किया जाएगा और उसकी गणना उस पद पर महिलाओं के लिए आरक्षित रिक्ति के प्रति की जाएगी। महिला अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की दशा में ही रिक्त पदों को उपयुक्त पुरुष अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।