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पीसीएस 2018 मेंस का रिजल्ट निकालने की तैयारी तेज, यूपीपीएससी को जुलाई में नए विशेषज्ञ मिलने के आसार

पीसीएस 2018 मेंस का रिजल्ट निकालने की तैयारी तेज, यूपीपीएससी को जुलाई में नए विशेषज्ञ मिलने के आसार

उप्र लोकसेवा आयोग में पीसीएस मेंस 2018 का रिजल्ट जारी करने की तैयारी तेज हो गई है। मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है। मूल्यांकन पूरा करके रिजल्ट तैयार किया जाएगा। आयोग जून माह के अंत तक या जुलाई के प्रथम सप्ताह में पीसीएस 2018 मेंस का रिजल्ट जारी कर सकता है। इसके पहले अप्रैल माह में रिजल्ट जारी करने की तैयारी थी। लेकिन, कोराना वायरस संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन के कारण सारी प्रक्रिया रुक गई।

इधर, लॉकडाउन में ढील मिलने के बावजूद विषय विशेषज्ञ आयोग नहीं आ रहे हैं, क्योंकि उनमें अधिकतर की उम्र 60 साल से अधिक है। विशेषज्ञों के न आने की स्थिति में आयोग अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के जरिए रिजल्ट तैयार करा रहा है। जरूरत के अनुसार विशेषज्ञों को कॉल करके राय ली जाती है।

कब क्या हुआ : यूपीपीएससी ने पीसीएस 2018 के तहत 988 पदों की भर्ती निकाली थी। अक्टूबर 2018 में प्री परीक्षा कराई गई। प्री का रिजल्ट 30 मार्च 2019 जारी हुआ। इसमें मेंस के लिए 19096 अभ्यर्थी सफल हुए। अक्टूबर 2019 में मेंस की परीक्षा आयोजित हुई।

नहीं खत्म होगी स्केलिंग : पीसीएस 2018 में स्केलिंग प्रक्रिया खत्म होने की सूचना से प्रतियोगियों में हड़कंप मचा। गुरुवार को अचानक आयी इस सूचना से प्रतियोगी सकते में आ गए। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि स्केलिंग प्रक्रिया जारी रखी जाय। ऐसी स्थिति में आयोग स्केलिंग को खत्म नहीं कर सकता। न ही आयोग की ऐसी मंशा है, पीसीएस 2018 मेंस में स्केलिंग लागू होगी।

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद से उप्र लोकसेवा आयोग में लंबित कार्य निस्तारित करने में तेजी आई हैं। कुछ ही दिनों में कई भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट जारी करने की तैयारी है। इसके साथ ही आयोग में नए विशेषज्ञों की नियुक्ति की आस जगी है। आयोग में जुलाई माह में विशेषज्ञों की नियुक्ति हो सकती है। नियुक्ति में पारदर्शिता के लिए आयोग ने ऑनलाइन आवेदन लिया है। मार्च माह में विशेषज्ञों की नियुक्ति होनी थी। लेकिन, पहले होली के अवकाश व उसके बाद लॉकडाउन के कारण सारी प्रक्रिया ठप हो गई थी। यूपीपीएससी पर पेपर लीक, प्रश्नपत्र में प्रश्न गलत होने, मूल्यांकन में नियम विपरीत नंबर घटाने व बढ़ाने जैसे आरोप लगते रहे हैं। कई मामलों में सीबीआइ ने आयोग के कुछ विशेषज्ञों से पूछताछ किया है। इससे आयोग के विशेषज्ञों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न् लग गया था। साथ ही आयोग की साख पर विपरीत प्रभाव पड़ा। आयोग में नए विशेषज्ञों से पेपर तैयार करने, मूल्यांकन, इंटरव्यू सहित महत्वपूर्ण काम लिये जाएंगे।