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अर्हता के विवाद में अटकीं भर्तियों पर आचार संहिता का भी संकट


ज्यादातर भर्तियां शासन स्तर से स्थिति स्पष्ट न होने के कारण फंसी हैं

प्रयागराज। अर्हता के विवाद और विभिन्न कारणों में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की आधा दर्जन भर्ती परीक्षाएं अटकी हुईं हैं। वहीं, नया शिक्षा सेवा चयन आयोग भी अब तक सक्रिय नहीं हुआ है। अगले माह मार्च में लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। आचार संहिता लागू होने के बाद नई भर्तियों के विज्ञापन जारी नहीं हो सकेंगे।



यूपीपीएससी को कई

भर्तियों के लिए रिक्त

पदों का अधियाचन मिल

चुका है। इनमें से कुछ भर्तियों के लिए अधियाचन मिले

साल भर से अधिक समय बीत चुका है। भर्ती शुरू होने

के इंतजार में हजारों अभ्यर्थी ओवरएज भी हो गए और

उनके लिए भविष्य के रास्ते भी बंद हो गए। भर्तियों में

अगर और देर हुई तो अन्य अभ्यर्थी भी ओवरएज होकर

दौड़ से बाहर हो जाएंगे। आयोग को प्रवक्ता राजकीय डिग्री कॉलेज के पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन मिल चुका है लेकिन इसकी स्क्रीनिंग परीक्षा से संबंधित प्रस्तावित नियमावली को शासन से मंजूरी मिलने का इंतजार है। वहीं, प्रवक्ता जीसीआई, एलटी ग्रेड शिक्षक, खंड शिक्षा अधिकारी के पदों की समकक्ष अर्हता निर्धारित न होने से इन भर्तियों के विज्ञापन अटके हुए हैं। आयोग को इन भर्तियों के लिए भी रिक्त पदों का अधियाचन काफी पहले मिल चुका है।

राज्य कृषि सेवा परीक्षा और सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम एवं परीक्षा योजना को संशोधित किया जा रहा है। ब्यूरो


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