Header Ads

लर्निंग लैब की तरह बनेंगे आंगनबाड़ी केंद्र


प्रतापगढ़। अनुपूरक पोषाहार, स्कूल पूर्व शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा आदि सेवाओं को वृहद स्तर पर ले जाने के लिए शासन ने नई रणनीति तैयार की है। अब प्रत्येक बाल विकास परियोजना से एक आंगनबाड़ी केंद्र को लर्निंग लैब के रूप में विकसित किया जाएगा जिसमें 18 तरह की मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय, आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत आदि सुविधाएं दी जाएगी।

जिले में कुल 3,267 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। इसमें करीब 2,28,967 बच्चे पंजीकृत हैं। अब आंगनबाड़ी केंद्रों को उच्चीकृत बनाने के मद्देनजर हर ब्लॉक से प्रथम चरण में एक-एक केंद्र का चयन कर कायाकल्प किया जाना है। इस तरह से कुल 18 केंद्रों का चयन किया जाएगा।

इस तरह बच्चों को तैयार करेंगे स्कूल के लायक : इस अभियान के तहत तीन से चार साल के बच्चों को रंगों की जानकारी के साथ ही पेड़- पौधे, फूल व अन्य में रंग भरने की जानकारी दी जाएगी। इसी तरह चार से पांच साल के बच्चों को अक्षर ज्ञान व अंक ज्ञान का पाठ पढ़ाया जाएगा। पांच से छह साल के बच्चों को संयुक्त अक्षरों का ज्ञान, शब्दकोष और अंग्रेजी के शब्द पढ़ाए जाएंगे इस तरह की जानकारी पहली कक्षा में बच्चों को दी जाती है। बच्चों को रंग की पहचान बताना, शरीर के विकास के बारे में भी बताया जाएगा।



मानक पूरा होने पर ही होगा केंद्र का चयन S

आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालय परिसर में विभागीय भवन में (को- लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र) संचालित होगा। संबंधित प्राथमिक विद्यालय चार वा पाच स्टार श्रेणी में होना चाहिए। आगनबाड़ी केंद्र को पूर्व में आदर्श केंद्र के रूप में चयनित किया गया हो आगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकर्ता एवं सहायिका दोनों तैनाती होनी चाहिए। कार्यकर्ता ईसीसीई पोषण ट्रैकर एवं अन्य विभागीय कार्यों में दक्ष होना चाहिए। संबंधित ग्राम पंचायत के पास उपलब्ध निधियों में पर्याप्त बजट होना भी जरूरी है।






लर्निंग लैब को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से प्रथम चरण में जिले के सभी परियोजनाओं से एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र का चयन किया जा रहा है। इस प्रकार कुल 18 मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत आदि सुविधाएं बढ़ाई जाएगी।
-रवींद्र कुमार उपाध्याय, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी

कोई टिप्पणी नहीं