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परिषदीय स्कूलों की तर्ज पर माध्यमिक स्कूलों निरीक्षण के टारगेट में पिछड़े अफसर ,निरीक्षण के ये प्रमुख बिन्दु


प्रयागराज, परिषदीय स्कूलों की तर्ज पर माध्यमिक स्कूलों के निरीक्षण का पहली बार टारगेट मिला तो अफसर पिछड़ गए। गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने 2023-24 सत्र से पहली बार प्रत्येक अधिकारी के लिए स्कूलों के निरीक्षण का टारगेट तय किया है। 24 से 29 अप्रैल तक प्रदेशभर में 558 स्कूलों का निरीक्षण होना था जिसमें 459 स्कूलों की ही जांच हो सकी। मिर्जापुर और बरेली मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने निरीक्षण नहीं किया।


गोरखपुर, चित्रकूट, अयोध्या, सहारनपुर व मिर्जापुर मंडल के उप शिक्षा निदेशकों ने भी जांच नहीं की। दस जिलों कासगंज, बलिया, गोरखपुर, बदायूं, पीलीभीत, जालौन, बलरामपुर, अयोध्या, अमेठी व मिर्जापुर के जिला विद्यालय निरीक्षकों ने एक भी स्कूल का निरीक्षण नहीं किया। फिरोजाबाद व बलरामपुर में तीन-तीन, आगरा व अलीगढ़ में दो-दो, मैनपुरी, कौशाम्बी, रामपुर, हरदोई व वाराणसी में एक-एक स्कूलों की जांच की गई है।

निरीक्षण के टारगेट में पिछड़े अफसर

रविवार को कटरा स्थित बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल से नीट का पेपर देकर निकलते परीक्षार्थी।निरीक्षण के टारगेट में पिछड़े अफसरनिरीक्षण के टारगेट में पिछड़े अफसरनिरीक्षण के टारगेट में पिछड़े अफसर● दो संयुक्त शिक्षा और पांच उप शिक्षा निदेशक मिले लापरवाह

● मिर्जापुर और बरेली मंडल के जेडी ने नहीं किया निरीक्षण

जेडी-डीडीआर को दस दस स्कूलों का लक्ष्य

मई महीने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशकों और उप शिक्षा निदेशकों को दस-दस जबकि जिला विद्यालय निरीक्षकों को 20-20 स्कूलों के निरीक्षण का टारगेट दिया गया है। इस प्रकार डीआईओएस के माध्यम से 1500 जबकि जेडी-डीडीआर के स्तर से कुल 360 स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा।

निरीक्षण के प्रमुख बिन्दु

● पंजीकृत व उपस्थित छात्रों की संख्या

● शिक्षकों की संख्या व अनुपस्थिति

● पाठ्यक्रम व लर्निंग आउटकम की स्थिति

● स्कूल का तीन वर्षों का परीक्षाफल

● शौचालय, पेयजल, सीसीटीवी, बायोमीट्रिक, वाई-फाई व अवस्थापना सुविधाएं


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