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स्कूली बच्चों में एक करोड़ ई-मेल आईडी का इस्तेमाल नहीं

 स्कूली बच्चों में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पिछले साल कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं की ई-मेल आईडी बनवाई थी, लेकिन शैक्षणिक सत्र 2021-22 समाप्त होने के करीब है और किसी बच्चे की ई-मेल आईडी का उपयोग नहीं हो सका। अधिकांश बच्चे ये तक भूल चुके हैं कि उनकी आईडी का पासवर्ड क्या है।


यूपी में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री की 100 दिन की कार्ययोजना के तहत पिछले साल यूपी बोर्ड के लगभग 28 हजार स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा नौ से 12 तक के 1.10 करोड़ छात्र-छात्राओं की ई-मेल आईडी बनवाने का लक्ष्य यूपी बोर्ड को दिया गया था। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को 30 मई 2022 तक प्रत्येक दशा में पंजीकृत छात्र-छात्राओं की ई-मेल आईडी बनवाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए अफसरों ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों पर काफी दबाव बनाया। मई-जून में अवकाश होने के कारण थोड़ी कठिनाई आई, लेकिन चार जुलाई 2022 तक 1,00,75,119 छात्र-छात्राओं की ई-मेल आईडी बनवा दी गई। इसकी सूचना शासन को भेजने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने दोबारा यह जानने की कोशिश नहीं की कि ई-मेल आईडी का क्या हुआ। चाहते तो छात्रहित में शैक्षणिक कैलेंडर, मॉडल प्रश्नपत्र और बोर्ड परीक्षा का टाइम टेबल भेज सकते थे। लेकिन डिजिटल माध्यम से बच्चों से संपर्क करने की कोशिश नहीं की गई।

बच्चों को पासवर्ड तक याद नहीं

केपी इंटर कॉलेज में 12वीं के छात्र ऐश्वर्य प्रताप सिंह व यादव कुशल और 10वीं के छात्र सुजल शर्मा व अमित यादव का कहना है कि ई-मेल आईडी बनवाना अच्छा प्रयास था, लेकिन उसके बाद से मेल के माध्यम से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई। अब तो वे अपना पासवर्ड तक भूल चुके हैं।

अभियान चलाकर बच्चों की ई-मेल आईडी बनवाई गई थी। यह अच्छी पहल थी। बच्चों को यदि ई-मेल पर कैलेंडर, टाइम टेबल और मॉडल प्रश्नपत्र वगैरह मिलते तो यह ज्यादा उपयोगी साबित होता।

युगल किशोर मिश्र, प्रधानाचार्य ज्वाला देवी इंटर कॉलेज रसूलाबाद

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