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वित्त एवं लेखाधिकारी, सहायक लेखाकार समेत 3 के खिलाफ FIR, बेसिक शिक्षा में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर इंटरव्यू में परीक्षार्थियों से पैसे की डिमांड करना पड़ा मंहगा


सुलतानपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर पद के लिए हुये इंटरव्यू में परीक्षार्थियों से पैसे की डिमांड करना वित्त एवं लेखाधिकारी राम यश यादव, सहायक लेखाकार समेत एक अन्य को महंगा पड़ा है। सीडीओ की कराई गई जांच में दो परीक्षार्थियों के आरोप से इसकी पुष्टि हुई। इस पर एबीएसए दूबेपुर बलदेव प्रसाद यादव की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध कोतवाली नगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।


गोंडा जिले के मनकापुर स्थित संचार विहार आईटीआई निवासी सौरभ तिवारी पुत्र श्रीकृष्ण तिवारी ने बेसिक शिक्षा विभाग में क्वॉलिटी कंट्रोल मैनेजर पद के लिये 16 नवंबर को इंटरव्यू दिया था। उसका रोल नंबर 43 था। सौरभ का आरोप है कि इंटरव्यू के बाद 25 नवंबर की शाम 7:41 पर उसे मोबाइल नंबर ********** से कॉल आया। ट्रू कॉलर पर नाम राम यश यादव एएओ प्रदर्शित हुआ। उसे 26 नवंबर को सुबह विकास भवन पर आने को बोला गया। सुबह जब 10:45 पर पीड़ित ने विकास भवन पहुंचकर उसी नंबर पर कॉल किया तो पास में तिराहे पर मिलने को उसे बोला गया।


सौरभ के अनुसार मैने देखते ही उस व्यक्ति को पहचान लिया वो सीडीओ सर के साथ इंटरव्यू में मौजूद एएओ राम यश ही थे। उनके साथ ड्राइवर समेत दो व्यक्ति और थे। उन्होंने बोला आपका इंटरव्यू बहुत अच्छा गया है लेकिन एक्सल में आपके नंबर कम आये हैं। बाकी की बात दूसरा व्यक्ति बता देगा। दूसरे व्यक्ति ने बताया कि एक्सल पास करवा दूंगा उसके लिये 70 हजार रुपए लगेंगे।


सौरभ ने बताया कि 29 नवंबर को विनोद कुमार सहायक लेखाकार सर्व शिक्षा अभियान ने सीडीओ को दिये पत्र में लिखा है कि मैने वित्त एवं लेखाधिकारी के कहने पर पैसे की मांग की थी।
परीक्षार्थी सियाराम बिंद को भी 25 नवंबर को पांच बजे उसी नंबर से फोन गया। 26 नवंबर को सुबह उसे भी विकास भवन पर आने को बोला गया कि 11 से 12 बजे के बीच विकास भवन आ जाओ। उससे 75 हजार रुपए की मांग की गई थी।


इन दोनों मामले की जांच सीडीओ ने जिला विकास अधिकारी से कराया। बुधवार को इसकी पुष्टि होने के बाद वे सीधे एसपी सोमेन बर्मा से मिले और कार्रवाई के लिये बात किया। अब एएओ, सहायक लेखाकार व एक अज्ञात के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है। इसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी नगर को दी गई है।

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