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माध्यमिक स्कूलों के एक चौथाई ही बन सके पर्यटन मित्र


प्रदेश में युवाओं को पर्यटन से जोड़ने की चाल बेहद धीमी है। छह माह में सिर्फ 8,500 पर्यटन मित्र ही बनाए जा सके हैं, जबकि प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के ही 30 हजार से अधिक विद्यालय संचालित हैं। अभी तक एक ही बोर्ड के कुल विद्यालयों का एक चौथाई ही पर्यटन मित्र बन सके हैं।

केंद्र सरकार के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने मई माह में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद को निर्देश दिया कि निजी व सरकारी हर विद्यालय में पर्यटन क्लब का गठन किया जाए। क्लब में विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा छह से 12वीं तक के उन छात्र - छात्राओं को पर्यटन मित्र के रूप में सदस्य बनाया जाए, जिनमें संस्कृति की समझ हो और पढ़ने- लिखने की ललक हो। हर जिले के जिलाधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजे गए।

छह माह में पर्यटन विभाग के अधिकारी सिर्फ 8,500 पर्यटन मित्र ही बना सके हैं। एक क्लब में 25 सदस्य व दो शिक्षक हो सकते हैं। विभाग यह बताने को तैयार नहीं कि कुल क्लब कितने बने हैं। विभाग की खानापूरी से अधिकांश विद्यालय इससे दूर हैं।

पर्यटन मित्रों के बीच निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला, अभिनय, वाद-विवाद, सामुदायिक संपर्क अभियान, सांस्कृतिक कार्यक्रम, फोटोग्राफी आदि की प्रतियोगिता जिले से राज्य स्तर तक होगी मेधावियों को पुरस्कृत करके उन्हें भ्रमण भी कराएगा।



युवाओं को पर्यटन के प्रति 'आकर्षित करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं, हर विद्यालय में पर्यटन मित्र बन रहे हैं, अब तक 8500 सदस्य बन चुके हैं। - मुकेश मेश्राम, महानिदेशक पर्यटन विभाग

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