Header Ads

69000 भर्ती में निर्णायक मोड़ पर एक प्रश्न का विवाद


परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में एक गलत प्रश्न का विवाद निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। इस मामले में सरकार की ओर से दायर स्पेशल अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सात बार सुनवाई हो चुकी है और नौ नवंबर को फिर से तारीख लगी है।


सर्वोच्च न्यायालय ने तीन नवंबर को सुनवाई में सरकार से सात नवंबर तक इस आशय का शपथपत्र दाखिल करने को कहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्त करने के लिए कितने रिक्त पदों की आवश्यकता होगी। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि उस दिन अंतिम फैसला आ सकता है।

ऐसा होने पर एक नंबर से पास होने वाले तकरीबन एक हजार अभ्यर्थियों को सरकारी टीचरी मिल सकती है। छह जनवरी 2019 को आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने छह प्रश्नों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इनमें एक प्रश्न ऐसा था जिसके चारों विकल्प गलत थे। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 के अपने आदेश में पांच प्रश्नों पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। लेकिन उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करने के आदेश दिए थे।

जिन्होंने उस प्रश्न को हल करने की कोशिश की थी जिसके चारों विकल्प गलत थे। शर्त यह थी कि ऐसे अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका की हो और एक नंबर से फेल हो रहे हो।

इस प्रश्न को लेकर हुआ विवाद

69000 शिक्षक भर्ती के प्रश्नपत्र में बुकलेट संख्या ए के प्रश्न संख्या 60 में पूछा गया था-शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है। जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें। यह परिभाषा दी गई है। इस प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। इसका सही जवाब ग्राहम बाल्फोर है। लेकिन चयन बोर्ड के विशेषज्ञों ने वेलफेयर ग्राह्य को सही मान लिया था।

पूछे गए इस प्रश्न को लेकर हुआ विवाद

69000 शिक्षक भर्ती के प्रश्नपत्र में बुकलेट संख्या ए के प्रश्न संख्या 60 में पूछा गया था-शैक्षिक प्रशासन उपयुक्त विद्यार्थियों को उपयुक्त शिक्षकों द्वारा समुचित शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाता है। जिससे वे उपलब्ध अधिक साधनों का उपयोग करके अपने प्रशिक्षण से सर्वोत्तम को प्राप्त करने में समर्थ हो सकें। यह परिभाषा दी गई है। इस प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। इसका सही जवाब ग्राहम बाल्फोर है। लेकिन चयन बोर्ड के विशेषज्ञों ने वेलफेयर ग्राह्य को सही मान लिया था

कोई टिप्पणी नहीं