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NCTE के CTET से सम्बंधित जारी क्लेरिफिकेशन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी हिंदी में


#NCTE ने आज अपने गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया कि अभ्यर्थी प्रशिक्षण के दौरान किसी भी सेमेस्टर में हो CTET/ TET उत्तीर्ण हो वैलिड रहेगा



NCTE ने क्लेरिफिकेशन जारी किया है कि  कोई भी टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स हो अगर आपने उसमें एडमिशन ले लिया है तो आप टेट देने के पात्र है और आप टीईटी दे सकते है और आपका प्रमाणपत्र आपका टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स करने के बाद वैलिड हो जायेगा (इसमे उसने हमारी टीम की सुप्रीम कोर्ट की याचिका का जिक्र भी किया है)
ये विवाद भी मुझसे और मेरे सहपाठियों से ही शुरू हुआ था बाद में इसने इतना बड़ा रूप ले लिया कि मई 2018 में इससे 50हजार शिक्षको की जॉब खतरे में आ गई थी क्योंकि मैंने 2011 में बीएड में एडमिशन लेते ही 2011 टेट में आवेदन किया और पास हो गया तो लोग तबसे हमारे खिलाफ लड़ने लगे कि इनका टेट गलत है उसमें आग में घी का काम किया एक RTI जोकि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जारी की थी खैर मामला चलते चलते हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने टेट अपीयरिंग वालो को सही माना लेकिन डबल बेंच ने टेट अपीयरिंग को सही नही माना था जिससे लगभग 50 हजार शिक्षको की जॉब पर तलवार लटक गई थी 
उसके बाद हम लोगो ने उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेज किया जबकि NCTE ने कॉउंटर अपीयरिंग के खिलाफ लगाया था उसके बाबजूद हम लोगो ने विजय प्राप्त की 
इस आदेश में जिस याचिका का जिक्र है वो टीम बीएड 2012 की ही CA 5564/2019 omkar singh vs state of है हमारी याचिका लीडिंग थी साथ ही बीटीसी की कई टीम की याचिका साथ थी जिसमे Anil Rajbhar  भैया और Avesh Vikram Singh   और Sachin Boudh  और Mohammad Arshad की याचिका भी साथ थी 
सभी ने मिलकर एक लैंडमार्क जजमेन्ट पारित कराया था 
जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो टीचर्स ट्रेंनिंग कोर्स में एडमिशन ले लिया वह टीईटी दे सकता है समय और सेमेस्टर औंर एग्जाम की कोई बाउंडेशन नही है 
लेकिन कुछ लोग इसको सिर्फ याचिकाकर्ताओं और शिक्षको तक ही सीमित मान रहे थे पहले कई बार  बीटीसी/बीएड/बीएलएड/डीएलएड के भाई/बहन मुझसे इस सन्दर्भ में पूछते थे तो मै हमेशा कहता था कि ये आदेश सभी प्रशिक्षुओं पर लागू होता है लेकिन PNP वही अपना पुराना जीओ हमेशा लाती थी लेकिन अब NCTE के क्लेरिफिकेशन  सभी प्रशिक्षुओं के लिए अवश्य ही अच्छी खबर है अगर अब भी PNP पुराना ढर्रा अपनाती है तो उसे अपने शासनादेश में बदलाव करना पड़ेगा 
अब प्रशिक्षु आराम से एग्जाम दे क्योंकि NCTE गवर्निंग बॉडी है तो किसी विवाद की स्तिथि में NCTE की गाइडलाइंस मान्य होगी




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