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नए सत्र में भी परिषदीय स्कूलों के बच्चों को नहीं मिली किताबें


सादात। सरकार एक तरफ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर गंभीर है, वहीं दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के हाथों में अब तक नई पुस्तकें नहीं थमा पाया है। अब ऐसे में बच्चे पढ़ाई कैसे कर पाएंगे। बच्चे स्कूल तो जरूर जा रहे हैं लेकिन बिना किताबों के। इससे उनके अभिभावकों में भी रोष व्याप्त है। विद्यालयों में पुराने किताबों से शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे है।

शिक्षा क्षेत्र सादात अंतर्गत 100 प्राथमिक, 22 उच्च प्राथमिक और 24 कंपोजिट को मिलाकर कुल 146 परिषदीय विद्यालय हैं। प्राथमिक में कुल 16 हजार 751 बच्चे हैं, जिनमें 8402 छात्र व 8349 छात्राएं शामिल हैं। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक में बच्चों की कुल संख्या 6069 है, जिनमें 2986 छात्र व 3083 छात्रा हैं। इन्हें शिक्षा देने के लिए प्राथमिक में 425 व उच्च प्राथमिक में 211 शिक्षकों की तैनाती हैं। नवीन शिक्षा सत्र अप्रैल माह से आरम्भ होने के बाद भी बच्चों को बिना किताबों के या कुछ बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अध्यापकों ने बच्चों के लिए पुराने बच्चों से किताब लेकर व्यवस्था बनाने की कोशिश तो जरूर की है, फिर भी बहुत से बच्चों को पुरानी किताबें भी नहीं मिल सकी हैं। ऐसे में सरकार के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावे धरातल पर नहीं दिखायी दे रहा है। बिना किताब आखिर छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करें। स्कूलों में बच्चों की शिक्षा किताब के बिना कैसे पूरी होगी। यह न सिर्फ अभिभावकों व बच्चों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है बल्कि शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ। अब तो शासन ने सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में तिमाही परीक्षाएं कराने के आदेश भी जारी किए हैं। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने लक्ष्य तय कर दिया है। कक्षा एक से आठ तक की कक्षाओं में यह परीक्षा होगी। जुलाई, अक्टूबर, जनवरी और मार्च माह में परीक्षा कराने की योजना है। ऐसे में परिषदीय स्कूलों के बच्चे बिना किताबों के कैसे पढ़ाई करेंगे। अभिवावकों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष नए शिक्षा सत्र में किताबों के वितरण में देरी होती है, फिर भी इससे प्रेरणा लेकर सरकार अगले वर्ष समय से किताबों का वितरण सुनिश्चित कराने में अक्षम साबित होती है। सरकार को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाते हुए जल्द से जल्द निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण सुनिश्चित कराना चाहिए। बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि किताब के लिए डिमांड किया गया है। छात्र छात्राओं की सूची भी भेज दी गयी है। किताब मिलते हीं बीआरसी के माध्यम से वितरण कराया जाएगा।

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