Header Ads

एमडीएम न बनने पर प्रधानाध्यापक का रोका वेतन, प्रधान को नोटिस

बदायूं। परिषदीय स्कूलों में एमडीएम न बनने पर दिसौलीगंज, एपुरा और सिमरिया के ग्रामीणों ने बीएसए से शिकायत की थी। बीएसए ने जब जानकारी की तो विद्यालय स्टाफ ने बताया कि प्रधान की तरफ से सहयोग नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में सूचनाएं छिपाने पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक का वेतन रोकने के निर्देश दिए, साथ ही प्रधान को सहयोग न करने पर नोटिस भेजा है।


प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय स्कूल के पंजीकृत सभी छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म, किताबें, जूते-मोजे समेत अन्य चीजें निशुल्क दी जाती है। दोपहर में एमडीएम भी दिया जाता है, लेकिन जिले में योजना का हाल बेहाल है। कुछ दिनों पहले वजीरगंज के दिसौलीगंज, बिसौली के एपुरा और जगत के सिमरिया के लोगों ने बीएसए से स्कूलों में एमडीएम न बनने की शिकायत की थी। इस पर बीएसए ने स्टाफ से जानकारी ली, तो स्टाफ ने प्रधान पर एमडीएम में सहयोग न करने की बात बताते हुए कहा कि इसकी वजह से एमडीएम नहीं बन पा रहा है। इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा ये सूचना न देने पर बीएसए ने उन्हें सूचनाएं छिपाने का दोषी मानते हुए तीनों का वेतन रोकने के निर्देेश दिए है। साथ ही उन्होंने तीनों गांव के प्रधान को नोटिस भेजते हुए पंचायती राज विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही है।

-
तीन स्कूलों में लगातार मिड डे मील नहीं बनाया जा रहा था, जो गलत है। इसकी शिकायत मिली थी, ऐसे में तीनों प्रधानाध्यापकों का वेतन रोका गया है, साथ ही प्रधानों को नोटिस भेजा है।
- आनंद प्रकाश शर्मा, बीएसए

कोई टिप्पणी नहीं