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कोरोना और चुनाव के कारण कोर्स अधूरा, परीक्षा पर संशय बरकरार

 कोरोना और चुनाव के कारण कोर्स अधूरा, परीक्षा पर संशय बरकरार

कोरोना और चुनाव के चलते परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो गई है। पिछले सत्र में वार्षिक परीक्षाओं में औसत अंक देकर बच्चों को पास किया गया था। इस सत्र में भी स्थिति खराब है, अब तक अर्ध वार्षिक परीक्षाएं भी नहीं हुई हैं। पिछले साल दूसरी लहर के कारण सितंबर से स्कूल खुले थे। दिसंबर में ठंड और कोरोना के कारण स्कूलों को दोबारा बंद कर दिया गया। पढ़ाई पूरी तरह से रुक गई थी, कोरोना केस कम होने के बाद स्कूल तो खुले, लेकिन शिक्षकों की चुनाव ड्यूटी और डीबीटी की वजह से कोर्स पूरा नहीं हो सका है। हालात को देख वार्षिक परीक्षाओं पर भी संशय है, ऐसे में बच्चों के साथ अभिभावक भी चिंता में है।


जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बुधवार को बीईओ, जिला समन्वयक और एआरपी संग बैठक कर कोर्स को पूरा करने का निर्देश दिया है। बीएसए ने कहा कि कक्षाओं का संचालन प्रतिदिन माइक्रो प्लान के साथ होना चाहिए। आखिर में 10 मिनट का क्विज किया जाए, ताकि बच्चों में जिज्ञासा विकसित हो। शिक्षक एक दिन पहले ही दूसरे दिन की योजना बना लें। जो पाठ खत्म हो उसका साप्ताहिक टेस्ट जरूर लें। कमजोर बच्चों की सूची बनाकर उन्हें अतिरिक्त समय देकर सुधार लाएं।

गाइडलाइन का इंतजार
जिले में 1144 विद्यालयों में लगभग दो लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। पिछले सत्र में सरकार की ओर से किसी भी तरह की मौखिक और लिखित परीक्षा पर रोक लगा दी थी। अर्ध वार्षिक परीक्षाएं नहीं हो सकी थीं। अब विभाग परीक्षाओं को लेकर शासन के निर्देश का इंतजार कर रहा है।

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