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बेसिक स्कूलों में अब शैक्षिक सपोर्ट के साथ ही मिलेगी तकनीकी सपोर्ट की सुविधा

 बेसिक स्कूलों में अब शैक्षिक सपोर्ट के साथ ही मिलेगी तकनीकी सपोर्ट की सुविधा

गोंडा। बेसिक स्कूलों में अब शैक्षिक सपोर्ट के साथ ही तकनीकी सपोर्ट की सुविधा भी मिलेगी। जिले के 3100 स्कूलों में पठन-पाठन में परिवर्तन के लिए छह माड्यूल को प्रभावी ढंग से लागू करने और 19 तरह के संसाधनों के विकास पर जोर रहेगा।

जिले के 16 ब्लॉकों और एक नगर क्षेत्र में क्वालिटी कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति मानदेय पर होगी। इसकी प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी। इन क्वालिटी कोऑर्डिनेटर को बीआरसी पर नियुक्त किया जाएगा। स्कूलों को हाईटेक करने के साथ संसाधनों से लैस करने में आसानी होगी।






अभी तक बेसिक स्कूलों में शैक्षिक सपोर्ट के 85 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति है। इसके अलावा 835 शिक्षा संकुलों की स्थापना करके एक-एक संकुल शिक्षक मनोनीत किया गया है। इनके माध्यम से स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता के लिए कार्य हो रहा है।

हाल ही में इसके लिए 18 लाख के करीब का बजट जारी हुआ है। जोकि प्रत्येक स्कूलों में शैक्षिक विकास के मंथन पर खर्च होगा। साथ ही एकीकृत पोर्टल के माध्यम से उपस्थिति, निरीक्षण, एमडीएम, आपरेशन कायाकल्प, स्कूल प्रबंध समितियों की गतिविधियों व मानव संपदा माड्यूल लागू किया गया है। आपरेशन कायाकल्प से 19 तरह के कार्यों से स्कूलों को जोड़ना है।


 
जिले के 3100 स्कूलों के 11 हजार के करीब शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को जोड़ा गया है। साथ ही इनसे 4.07 लाख बच्चों के भविष्य को संवारने की मुहिम चलाई जा रही है।



इन व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बीआरसी के पास कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं था। अब तय हुआ है कि हर बीआरसी पर एक-एक क्वालिटी कोऑर्डिनेटर इसके लिए मानदेय आधार पर रखा जाएगा, जो कि स्कूली शिक्षा और सुविधा के प्रबंधन का कार्य करेगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे स्कूलों में बड़े स्तर पर बदलाव दिखेंगे।

क्वालिटी कोऑर्डिनेटर को स्कूल स्तर पर संचालित होनी वाली योजनाओं के समन्वय बनानी होगी। समग्र शिक्षा की योजनाओं पर नजर दौड़ाएं तो एमडीएम सबसे बड़ी योजना है। जिसके तहत 8600 रसोइयों के जिम्मे 4.07 लाख बच्चों को दोपहर में मेन्यू के अनुसार गुणवत्तापूर्ण भोजन देने की है।


 
साथ ही 44 करोड़ 77 लाख की योजना बच्चों की सुविधा देने के लिए है, जिसमें यूनिफार्म, जूता- मोजा, स्वेटर और बैग जुड़ा हुआ है। इस समय डीबीटी के माध्यम से छात्रों के खातों में भेजा जा रहा है।

इनके अलावा करीब 12 करोड़ रूपये का बजट कंपोजिट ग्रांट के अलावा अन्य योजनाओं के लिए जारी होता है। अब क्वालिटी कोऑर्डिनेटर इन सभी योजनाओं के संचालन में समन्वय करेंगे। ई-शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करेंगे।

बेसिक शिक्षा में योजनाओं और पहल को सुव्यवस्थित करने के लिए अब मैनेजमेंट डिग्री धारक काम संभालेंगे। आउटसोर्सिंग के माध्यम से 16,383 रूपये महीने मानदेय पर नियुक्ति होगी।

इसके लिए 23 से 40 आयु वर्ष के उन युवाओं को मौका मिलेगा जिन्ह़ोने एमबीए, पीजीडीएम, एमकाम, मास्टर आफ मैनेजमेंट स्टडीज या फिर पीजी डिप्लोमा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में से कोई डिग्री हासिल कर रखी है। एक साल का अनुभव हो और तनकीनी जानकारी भी हो।


 
इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी आउट सोर्सिंग के माध्यम से चयन करेगी। हर बीआरसी पर एक- एक कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति होने से कार्मिकों की संख्या बढ़ेगी। बीआरसी पर बीईओ के अलावा कंप्यूटर आपरेटर, सहायक लेखाकार हैं। चतुर्थी श्रेणी के कर्मियों को भी लगाया गया है और एआरपी हैं। कार्मिकों के बढ़ने से कार्योँ में तेजी आएगी। अभी एमआईएस कोऑर्डिनेटर के चयन की कार्रवाई भी हो रही है

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