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शिक्षकों से देर से आने का कारण पूछा तो दर्ज करा दी रिपोर्ट, प्रधान पुत्र ने वीडियो बनाकर अधिकारियों को था भेजा

 शिक्षकों से देर से आने का कारण पूछा तो दर्ज करा दी रिपोर्ट, प्रधान पुत्र ने वीडियो बनाकर अधिकारियों को था भेजा

पुखरायां। विकास खंड मलासा के परिषदीय विद्यालय सिहारी में शिक्षकों से देर से आने का कारण पूछना और वीडियो बनाकर अधिकारियों से शिकायत करना प्रधान के पुत्र को महंगा पड़ गया। महिला शिक्षकों ने उसके ऊपर एससी/एसटी एक्ट और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। इस मामले में खंड शिक्षाधिकारी ने सभी शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।


सिहारी गांव की प्रधान विमला देवी वृद्ध हैं। उनके पुत्र ओमप्रकाश द्विवेदी प्रतिनिधि के रूप में कार्य कराते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि एक ही परिसर में जूनियर और प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। विद्यालय नहीं खुलता है। प्रधान के पुत्र ओमप्रकाश द्विवेदी ने 24 सितंबर की सुबह विद्यालय पहुंच कर जानकारी की। वहीं नौ बजे के बाद शिक्षक पहुंचीं तो बच्चों से झाडू़ लगवाने लगीं। जिसका उन्होंने वीडियो बनाया और शिक्षकों से विद्यालय देरी से आने की जानकारी की तो वह बिफर पड़ीं। कहा कि तुम पूछने वाले कौन होते हो। जिसकी शिकायत ओमप्रकाश ने बीएसए से की। इसी बात से नाराज होकर प्रधानाध्यापक निशा कटियार और सहायक अध्यापक रंजना कुमारी ने शनिवार को महिला सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर डायल कर पुलिस बुला ली। पुलिस प्रधान के पुत्र को अपने साथ ले गई। इसकी जांच सीओ प्रभात कुमार ने गांव पहुंच कर की।

आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष आशुतोष पांडेय भी गांव पहुंच गए। उन्होंने इसकी जानकारी एसपी केशव कुमार चौधरी को दी। वहीं, प्रधानाध्यापक निशा कटियार और सहायक अध्यापक रंजना कुमारी ने तहरीर दी कि ओमप्रकाश ने महिला शिक्षकों की फोटो खींचकर वायरल किया है। जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है। एसपी के दखल पर रात एक बजे उसे थाने से छोड़ा गया। प्रभारी थानाध्यक्ष राधे सिंह ने बताया एससी/एसटी एक्ट और सरकारी कार्य में बाधा के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
खंड शिक्षाधिकारी आनंद भूषण ने बताया कि विद्यालय बंद रहने की सूचना फोटो युक्त है। तैनात प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापकों और शिक्षामित्रों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस घटना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।

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