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पांच साल से बंद है एमएड बीएड पर भी संकट के बादल, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय का मामला

 पांच साल से बंद है एमएड बीएड पर भी संकट के बादल, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय का मामला


वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में एनसीटीई के अनुसार मानक पूरे नहीं हैं। इसके कारण बीएड पाठ्यक्रम पर भी ताला लटकने की आशंका बनी हुई है। वहीं एमएड पाठ्यक्रम पिछले पांच साल से बंद चल रहा है। विभाग में अध्यापक और संसाधनों की कमी तथा प्रशासनिक उपेक्षा के कारण एनसीटीई के मानक अधूरे हैं।




संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का सबसे अधिक जीवंत विभाग रहा शिक्षाशास्त्र अब बंद होने की कगार पर है। विभाग में कुल स्वीकृत पदों की संख्या नौ है। इसमें एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और सात असिस्टेंट प्रोफेसर की तैनाती थी, लेकिन समय के साथ प्रोफेसर सेवानिवृत्त होते चले गए। अब विभाग में मात्र दो अध्यापक बचे हैं। इसमें एक असिस्टेंट प्रोफेसर हाईकोर्ट के स्टे पर कार्यरत हैं। वहीं एनसीटीई के मानक पूरा नहीं करने के कारण दो बार विश्वविद्यालय को नोटिस भी मिल चुकी हैं।

विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों को बेहतर ढंग से संचालन हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं। जल्द ही विभाग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने पर विचार किया जाएगा। प्रो. हरेराम त्रिपाठी, - कुलपति

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