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42 शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, यह है पूरा मामला

 42 शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, यह है पूरा मामला

बलिया : माध्यमिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सृजित पद से अधिक शिक्षकों के पद नियुक्त कर लिये गये, इसके लिये शासन से कोई स्वीकृति ही नहीं ली गई। कुल 30 कालेजों के 42 शिक्षकों की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। यह सारी नियुक्तियां वर्ष 2011 से 2016 के बीच हुई हैं। सिर्फ शिक्षक ही नहीं, बल्कि इसमें कई कालेजों के प्रबंधक, पूर्व डीआइओएस समेत कई अधिकारियों की गर्दन फंसती हुई दिखाई पड़ रही है। रुपये के लेन-देन की बात भी सामने आई है।


माध्यमिक शिक्षा के सचिव ने मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) की वाराणसी शाखा को सौंपी है। प्रकरण की जांच शुरू हो चुकी है। इतना ही नहीं जब फाइलें खंगालनी शुरू की गई तो पत्रवली ही गायब कर दी गई। अब मामले में ईओडब्ल्यू ने पटल प्रभारी समेत 14 लोगों पर बनारस के विभागीय थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है। हाईकमान ने इंस्पेक्टर ¨वध्यवासिनी त्रिपाठी को विवेचना अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। लखनऊ मुख्यालय ने इससे जुड़ी जांच रिपोर्ट तलब की है।

यह है पूरा मामला

जिले में कुल 91 मान्यता प्राप्त कालेज हैं, इसमें 2011 से 16 के मध्य करीब 42 शिक्षकों की नियुक्त कालेज प्रबंधन द्वारा पद से अधिक कर ली गई। जांच में मामला सामने आने पर शासन ने सबके वेतन रोकने के आदेश दे दिये। लेकिन एक साल पहले कई शिक्षकों के वेतन जारी कर दिये गये। इस पर शासन ने आपत्ति जता दी। 2020 में प्रकरण की नए सिरे से जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई।

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