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ऐसे तो कई सैकड़ों शिक्षक रह जाएंगे मुआवजे से वंचित : बेसिक शिक्षा विभाग ने सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत का किया दावा

 ऐसे तो कई सैकड़ों शिक्षक रह जाएंगे मुआवजे से वंचित : बेसिक शिक्षा विभाग ने सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत का किया दावा

पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान शिक्षकों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमण से मौत का मामला अभी सुर्खियों में है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मृतक आश्रितों को मुआवजा दिया गया तो सैकड़ों की संख्या में आश्रित मुआवजे से वंचित रह जाएंगे।



बेसिक शिक्षा विभाग ने आयोग की गाइडलाइन के आधार पर स्पष्ट किया है कि मतदान, मतगणना के प्रशिक्षण एवं मतगणना ड्यूटी के लिए घर से कार्यस्थल और कार्यस्थल से घर के बीच किसी भी कारण से हुई मृत्यु पर ही मुआवजा राशि दी जाएगी। वहीं, संगठनों का कहना है कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी में कोरोना संक्रमित हुए शिक्षकों व कर्मचारियों की बड़ी संख्या में मौत घर या अस्पताल में हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन के अनुसार जिलों से अब तक रिपोर्ट के आधार पर सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत की पुष्टि की है।


वहीं, प्रदेश के विभिन्न शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों की ओर से अलग-अलग सूची पेश कर पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान संक्रमण से 1200 से दो हजार तक कर्मचारियों और शिक्षकों की मौत का दावा किया जा रहा है। संगठन मृतक आश्रितों को एक-एक करोड़ मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार ने 30 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा कर दी है। 

बेसिक शिक्षा विभाग का तर्क
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसचिव सत्यप्रकाश की ओर से मंगलवार को जारी प्रेसनोट में स्पष्ट किया गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार घर से ड्यूटी स्थल और ड्यूटी स्थल से घर के बीच मौत होने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है। इसका निर्धारण भी आयोग ही करता है। आयोग को जिलाधिकारियों की ओर से अब तक मात्र 3 परिषदीय शिक्षकों की मृत्यु की प्रमाणिक सूचना मिली है। विभाग ने मृतक आश्रितों को मुआवजा राशि का भुगतान जल्द कराने का आश्वासन दिया है। 

डीएम नहीं दे रहे सूचना
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से विभिन्न संगठनों की ओर से उपलब्ध :कराई गई मृतक शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची का सत्यापन कराने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया था। आयोग के विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह ने बताया कि जिलों से अब तक रिपोर्ट नहीं मिल रही है। आयोग की ओर से जिलाधिकारियों को रिमाइंडर भी भेजा गया है। जिलों से पूरी सूचना मिलने के बाद ही आयोग मुआवजा राशि का प्रस्ताव सरकार को देगा। 

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