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तबादला सूची जारी होने के बाद आने लगी गड़बड़ी की शिकायतें, भारांक अधिक होने पर भी महत्वाकांक्षी जिलों में नहीं हुआ शिक्षकों का तबादला: जानिए क्या बोले जिम्मेदार

 तबादला सूची जारी होने के बाद आने लगी गड़बड़ी की शिकायतें, भारांक अधिक होने पर भी महत्वाकांक्षी जिलों में नहीं हुआ शिक्षकों का तबादला: जानिए क्या बोले जिम्मेदार

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के सहायक अध्यापकों को अंतर्जनपदीय तबादला सूची जारी होने के बाद तबादलों में हुई गड़बड़ी को शिकायतें प्रयागगज से लखनऊ तक पहुंचने लगी है। भारांक अधिक होने पर शिक्षक महत्वाकांक्षी जिलों से तबादले से वंचित रह गए हैं। वहीं, कम भारांक बालों का तबादला किया गया है। जबकि


तबादला नीति में यह स्पष्ट किया गया था कि वहां से जितने शिक्षक बाहर जाने के लिए आवेदन करेंगे, उतने ही शिक्षक यदि महत्वाकांक्षी जिले में आने के लिए आवेदन करेंगे तभी तबादला आवेदन पर विचार किया जाएगा। शिकायत मिली है कि बलरामपुर से एक सहायक अध्यापक का मात्र 9 भारांक होने पर लखनऊ तबादला किया गया है, जबकि वहां पर 20 से अधिक भारांक वाले शिक्षक तबादले से वंचित रह गए हैं। मात्र 7 भारांक वाले सहायक अध्यापक का फेर र्‌ से फिरोजाबाद तबादला किया गया है, जबकि वहां भी 10 से अधिक भारंक वाले शिक्षक तबादले से वंचित रह गए हैं। इस तरह महत्वाकांक्षी जिले बहराइच के परिषदीय स्कूल में कार्यरत सहायक अध्यापिका शालिनी शर्मा और बदायूं के परिषदीय स्कूल में कार्यरत उनके पति हर्ष कुमार ने लखनऊ या हरदोई में तबादले के लिए आवेदन किया था। तबादला नीति के तहत पति-पत्नी दोनों सहायक अध्यापक होने या दोनों में से एक सहायक अध्यापक और एक राजकीय सेवा में होने पर तबादले में प्राथमिकता देने का प्रावधान था। लेकिन शालिनी के भारांक 19 होने के बाद भी उनका तबादला नहीं हुआ। जबकि मात्र 7 भारांक होने पर महत्वाकांक्षी जिले फतेहपुर के एक शिक्षक का लखनऊ तबादला हो गया है।


शुक्रवार शाम तक परेशान रहे आवेदक
अंतर्जनपदीय तबादलों के लिए आवेदन करने वाले शिक्षक शुक्रवार शाम तक परेशान रहे। अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए शिक्षकों ने ऑनलाइन लॉगिन किया, लेकिन वन टाइम पासवर्ड नहीं आने से उन्हें तबादलों की जानकारी नहीं मिल सकी।

सरकार को प्रयास करना चाहिए
शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि तबादला आवेदन के बाद पुरुष शिक्षकों के लिए पांच साल और महिला शिक्षकों के लिए दो साल की सेवा का नियम लागू होने से हजारों शिक्षक तबादले से वंचित रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह ऐसे शिक्षकों की समस्या का समाधान निकाले।

महत्वाकांक्षी जिलों में खाली पदों की स्थिति
बहराइच में 3226, बलरामपुर में 3803, चंदौली में 2306, चित्रकूट में 452, श्रावस्ती में 2676, सिद्धार्थनगर में 7025, सोनभद्र में 4778 और फतेहपुर में 1864 खाली हैं।
नीति के अनुसार हो तबादले किए गए हैं। अगर तबादलों को लेकर यदि कोई शिकायत है तो उसकी जांच की जाएगी। -प्रताप सिंह बघेल, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद

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