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Gonda:- गैरहाजिर मिले 69000 नवनियुक्त शिक्षकों पर कार्रवाई

 Gonda:- गैरहाजिर मिले 69000 नवनियुक्त शिक्षकों पर कार्रवाई

शिक्षण कार्य छोड़कर स्कूल से नदारद रहने वाले शिक्षकों के विरुद्ध बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति ने कड़े तेवर अपनाए हैं। स्कूलों में नई तैनाती पाए उन शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड बीएसए ने बढ़ा दिया है जो निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए थे। उन्हें अनुपस्थिति के दिन से फिर से एक साल तक प्रोबेशन पीरियड के लिए डाल दिवा गया है। इस प्रोबेशन पीरियड के दौरान फिर से गैरहाजिर मिलने वाले अथवा विभागीय नियमों की अनदेखी करने वाले शिक्षकों को निलम्बित कर जांच करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। बीएसए के निरीक्षण में दो नए शिक्षक गैर हाजिर मिले थे वहीं एक शिक्षक के विरुद्ध प्रथम दृष्टया अनियमितता उजागर होने पर निलम्बन की कार्रवाई की गई है। बीएसए ने नवाबगंज के परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें से प्राथमिक विद्यालय सतिया प्रथम का निरीक्षण किया पाया गया कि नवनियुक्त सहायक अध्यापक करुणाकर पाण्डेय बिना किसी सूचना के अनुपस्थित हैं।

इसी तरह सहायक अध्यापक पंकज सिंह को गैर हाजिर पाया गया। जिसपर दोनों के प्रोबेशन पीरियड को बढ़ाते हुए बीएसए ने तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।

निलम्बन की हुई कार्रवाई : बीएसए ने उच्च प्राथमिक विद्यालय परसापुर थनवा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक जयकृष्ण दूबे बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए। बीएसए ने पाया कि विद्यालय में उनकी नियमित हाजिरी नहीं हो रही है। इसके अलावा विभागीय कार्यों में रुचि नहीं लेने, कर्तव्यों के निर्वहन में रुचि नहीं लेने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करना, शिक्षक आचरण नियमावली, मानक के अनुसार विद्यालय की रंगाई पुताई नहीं कराने, विद्यालय में गंदगी पसरे होने, विद्यालय में साफ सफाइ नहीं होने के अलावा कम्पोजिट ग्रांट का दुरूपयोग करने का मामला सामने आया। जिसपर प्रधानाध्यापक को निलम्बित कर दिया गया है। इसकी जांचबभनजोत के खण्ड शिक्षा अधिकारी को सौंप दो गई है।

खुद को साबित करने का दिन होता है प्रोबेशन पीरियड : प्रोबेशन पीरियड(परिवीक्षा काल) दरअसल कर्मचारी को खुद को साबित करने का दिन होता है। इस अवधि में विभाग कर्मचारी की नौकरी पक्की करने से पहलेरखती है। इस दौरान कर्मचारी को अधिक सतर्क रहते हुए विभाग से मिले का कार्यों का निपटान करते रहना होता है। इस बीच की जाने वाली लापरवाही कर्मचारी के नौकरी की राहों की अड़चन बन जाती है।इस दौरान हुई गलतियों की वजह से सरकारी नौकरी पक्की नहीं हो पाती बल्कि नौकरी जाने का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य भाषा में इस अवधि में लोगों की नौकरी को कच्ची माना जाता है। इसी में नए शिक्षकों की लापरवाही भी उजागर हो रही है। माना जा रहा है कि आगे की जांच में कई और दायरे में आ सकते हैं।

बीएसए डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति ने कहा नवनियुक्त शिक्षकों पर विभाग की नजर बनी हुई है। उनके कर्तव्यपरायणता कार्यक्षमता का परिवीक्षाकाल चल रहा है। इस दौरान लापरवाही, अनियमितता अथवा शिथिलिता के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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