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69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला : शिक्षामित्रों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को ठहराया सही, राज्य सरकार द्वारा तय 60-65 कटऑफ ही रहेगा प्रभावी

 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला : शिक्षामित्रों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को ठहराया सही, राज्य सरकार द्वारा तय 60-65 कटऑफ ही रहेगा प्रभावी

69000 शिक्षकों की भर्ती मामला : शिक्षामित्रों को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को ठहराया सही।

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला,  राज्य सरकार द्वारा तय 60-65  कटऑफ ही रहेगा प्रभावी।

शिक्षामित्रों के मामले में SC ने कहा, सरकार द्वारा तय 60-65 कटऑफ सही



उत्तर प्रदेश की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शिक्षा मित्र एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ को सही ठहराया है। हालांकि, सभी शिक्षा मित्रों को एक मौका और मिलेगा। न्यायमूर्ति यू यू ललित की बेंच ने फैसले में कहा कि  शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए एक आखिरी मौका दिया जाएगा और उसके तौर-तरीकों को राज्य सरकार तय करेगी। इस मामले में कोर्ट ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।




Supreme Court dismisses the appeal filed by UP Shiksha Mitra Association in connection with the case related to the recruitment of around 69,000 Assistant teachers in UP.

The court granted one last chance to the Shiksha Mitras to compete in the respective examinations


आपको बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती में जारी कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिस पर फैसला देते हुए कोर्ट ने बढ़े हुए कट ऑफ को अनुमति दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की अपील पर 9 जून 2020 को शिक्षक भर्ती केस में सुनवाई करते हुए 69000 हजार पदों में से 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश दिया था। 


यह है विवाद 
शिक्षामित्रों का कहना है कि जो भी योग्य शिक्षामित्र 45/40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट आफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए जिससे 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार बाहर हो गए। हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी तो वे सुप्रीम कोर्ट आ गए। दरसअल भारांक देने की बात सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में की थी जब प्रदेश में लाखों शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति को अवैध मानकर निरस्त किया गया था। कोर्ट ने कहा था कि भविष्य में होने वाली भर्ती में इन शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए सरकार अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है। मामले की सुनवाई सोमवार को होने की संभावना है।




नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले शिक्षामित्रों को राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है. कहा गया है कि कट ऑफ राज्य सरकार द्वारा तय 60-65 ही रहेगी. इस मामले में कोर्ट ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल शिक्षामित्रों की याचिकाएं खारिज कर दी है.





इससे पहले कोर्ट ने 9 जून को यूपी सरकार से कहा था कि वो सहायक टीचरों की भर्ती के दौरान 37339 पदों को फिलहाल न भरें. उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों (UP Shiksha Mitra) की ओर से 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 37339 पदों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से होल्ड करने का मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की थी.


शिक्षामित्रों का कहना था कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म डाला था, जिसमें से 8018 शिक्षा मित्र 60-65 फीसदी के साथ पास हुए. हालांकि इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 फीसदी के कट-ऑफ पर पास हुए और इसीलिए 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगे.


पेपर के बीच में कटऑफ बढ़ाने का था विरोध
शिक्षामित्रों का कहना है कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कट-ऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था, लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया. उनका कहना था कि ये गैर कानूनी कदम है क्योंकि पेपर के बीच में कट-ऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है.


यूपी सरकार ने अपने पक्ष में क्या कहा था
आज से पहले सुनवाई के दौरान जस्टिस ललित ने पूछा था कि क्या 40/45 कट-ऑफ को पार करने वाले सभी 40 हजार शिक्षामित्र और बाकी बचे 29 हजार पदों पर दूसरे कैंडिडेट सलेक्ट होंगे. इस पर ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि योग्यता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. हमारे पास 50 हजार पद हैं और हर साल 10,000 लोग रिटायर हो रहे हैं. हम अलग से भर्ती में मौका देने को तैयार हैं, लेकिन योग्यता के साथ. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि राज्य में 3 लाख 94,000 कुल अभ्यर्थियों की संख्या 40-45 फीसदी पर है जो कुल आंकड़ों का 96.2 फीसदी है. अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद कट-ऑफ बढ़ना स्वभाविक है.

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