Header Ads

ऑनलाइन पढ़ाई: सरकारी स्कूलों में 11% बच्चों तक पहुंच:- सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की हालत खराब, चार जिलों में एक प्रतिशत बच्चे भी नहीं कर रहे पढ़ाई, महानिदेशक ने दिए सुधार के निर्देश

 ऑनलाइन पढ़ाई: सरकारी स्कूलों में 11% बच्चों तक पहुंच:- सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की हालत खराब, चार जिलों में एक प्रतिशत बच्चे भी नहीं कर रहे पढ़ाई, महानिदेशक ने दिए सुधार के निर्देश

सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति बहुत खराब है। तमाम प्रयासों के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों तक अपनी पहुंच नहीं बना पा रहा है। स्थिति यह है कि विभाग के दीक्षा एप से केवल 11% बच्चे ही आन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग बच्चों को ऑनलाइन बढ़ाने के लिए काफी अच्छा काम कर रहा है। इसके लिए ई पाठशाला चलाई जा रही है। दीक्षा ऐप के जरिए बच्चों को रोचक वीडियो व ई कंटेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

अक्टूबर में विभाग ने दीक्षा एप से पढ़ाई का जो आंकड़ा डूबा वह निराश करने वाला रहा है। पूरे प्रदेश में अक्टूबर तक दीक्षा एप के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या केवल 11% रही है। प्रदेश के कई जिले तो ऐसे हैं जहां एक भी बचे ने दीक्षा एप नहीं डाउनलोड किया। वहां की प्रगति जीरो मिली है। जबकि आधा दर्जन से अधिक जिले ऐसे हैं जहां केवल 1% ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दीक्षा एप से जुड़े हैं। बच्चों के पास स्मार्ट डिवाइस न होने से दिक्कतें आ रहीं हैं।


दीक्षा एप से ऑनलाइन पढ़ाई में लखनऊ सबसे आगे है। यहां 84% बच्चों दीक्षा ऐप डाउनलोड किया है। गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है जहां 31% तथा कानपुर और वाराणसी तीसरे स्थान पर हैं जहां 26- 26% बच्चों ने दीक्षा एप डाउनलोड कर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। बाकी सभी जिलों की प्रगति 20% से कम है। बुलंदशहर, बलिया, कुशीनगर तथा बदायूं, 4 जिले ऐसे हैं जहां अभी तक 1% बच्चों ने भी दीक्षा एप डाउनलोड कर ऑनलाइन पढ़ाई नहीं की है। भदोही, प्रयागराज, बहराइच, श्रावस्ती, शामली, गौतमबुद्ध नगर, लखीमपुर खीरी तथा रायबरेली जिलों में 1% बच्चों ने ही ऐप डाउनलोड किया है।


महानिदेशक ने दिए सुधार के निर्देश 
जिन जिलों में ऑनलाइन पढ़ाई का प्रतिशत कम है वहां बीएसए और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। नवंबर में सुधारके निर्देश महानिदेशक विजय किरण आनंद ने दिए हैं। 


दूरदर्शन और रेडियो बने पहली पसंद 
बच्चों की पहुंच में मोबाइल न होने की वजह से वह दूरदर्शन और रेडियो का सहारा ले रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की मानें तो प्रदेश में 28% बच्चे दूरदर्शन और रेडियो से पढ़ाई कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं