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फर्जी हाजिरी लगाकर शिक्षकों से लाखों वसूली करने वाले खण्ड शिक्षा अधिकारी पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी

 फर्जी हाजिरी लगाकर शिक्षकों से लाखों वसूली करने वाले खण्ड शिक्षा अधिकारी पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी

गाजीपुर। सावधान देश के विभिन्न महानगरों में माज मस्ती करने बाले जिले में तैनात शिक्षकों के अब दिन लदने वाले हैं। इस खेल में शामिल हेडमास्टरों के साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों को जेल भेजने की तैयारी चल रही है। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह भ्रष्टाचार को लेकर बेहद सख्त हो गए हैं।
  उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने दोनों विभागों के अधिकारियों को चेताया है कि कहीं भी लेनदेन की शिकायत मिली तो सीधे जेल की हवा खानी पड़ेगी। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारियों एवं बीएसए कार्यालय के लिपिकों की बैठक के दौरान साफ लहजे में कहा कि पूर्व में कौन क्या किया, इससे कोई मतलब मुझे नहीं है. लेकिन अब किसी ने भ्रष्टाचार किया तो मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा। इसलिए भ्रष्टाचार की बातें मन में तनिक भी न सोचें। उन्होंने देवकली के
चर्चित खंड शिक्षा अधिकारी राजेश यादव एवं बीएसए कार्यालय के उर्दू अनुवाद परवेज को कड़ी चेतावनी दी है। कहा है कि दोनों की शिकायतें आ हैं. सावधान हो जाएं। आय से रही अधिक संपत्ति की जांच कराकर दोनों को जेल भेजा जाएगा। बीएसए कार्यालय में बिना रिश्वत दिए शिक्षकों का एक भी काम नहीं होता है। शिक्षक जब तक पैसा नहीं देते तब एक काम नहीं होता। शिक्षकों ने कई बार बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी एवं बीएसए कार्यालय के लिपिकों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यूपी के तेज तर्रार आईएएस एवं डीएम मंगला प्रसाद सिंह जब यहां पर प्रभार संभाला तो उन्होंने उसी दौरान यह चेताया था कि सलाखों में होंगे। इसके बाद सबसे पहले उनके निशाने पर बीएसए श्रवण के शिक्षकों के स्कूल आवंटन के संबंध में बीएसए कार्यालय के समस्त की बैठक में उन्होंने बीएसए को कड़ी चेतावनी दी। कहा कि बार बार शिकायत आ रही है सुधार कर लो।

उन्होंने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी रोजाना स्कूलों का निरीक्षण करें।
शिक्षकों के उस सिडिकेट को तोड़ा जाए जो शिक्षकों से पैसा लेकर उन्हें मौज करने की छूट देते हैं इसकी संपूर्ण जानकारी बीएसए एवं खंड शिक्षा अधिकारी की है। इसलिए यह खेल अब बंद हो जाए। मुझे स्पष्ट जानकारी मिली है कि खुलेआम शिक्षकों से खंड शिक्षा अधिकारी पैसा लेकर उन्हें घर रहने की खुली छूट देते हैं। जल्द ही एक साफ्टवेयर तैयार कराकर शिक्षकों की हाजिरी आनलाइन कराई जाएगी । उन्होंने देवकली के खंड शिक्षा अधिकारी को मीटिंग में खड़ाकर कड़ी फटकार लगाई. कहा कि सुधर जाओ वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहो। इस दौरान बीएसए कार्यालय के उर्दू अनुवाद परवेज को भी चेताया कि भ्रष्टाचार करने से बचो। इस दौरान डीएम बेहद खफा नजर आए। उन्हें वह फोड बेक मिला है कि बीएसए का शिक्षकों पर कोई नियंत्रण नहीं है। खुलेआम वसूली हो रही है। जिसमें बीएसए की भी मिलीभगत है। मान्यता वाले मामले में भी जल्द डीएम कोई बड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। डीएम के इस रूख से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

डीएम जल्द परिषदीय स्कूलों का करेंगे निरीक्षण

गाजीपुर। जिले के परिषदीय शिक्षक सावधान हो जाएं। डीएम मंगला प्रसाद सिंह जल्द ही स्कूलों का निरीक्षण करके शिक्षकों की मनमानी पर रोक लगाएंगे। उन्हें शिकायत मिली है कि मनिहारी, सदर, देवकली एवं सैदपुर के साथ ही जखनियां और करंडा ब्लाक में ऐसे दर्जनों शिक्षक हैं जो देश एवं प्रदेश के बड़े महानगरों में रहकर कोई और काम कर रहे हैं और वेतन शिक्षक के रूप में उन्हें गाजीपुर से मिल रहा है। ऐसे शिक्षक अगर जल्द अपने स्कूल नहीं आए तो वह भी लोग जेल जाएंगे जो शिक्षकों के नाम पर हाजिरी लगा रहे हैं। डीएम ने संकेत दिया है कि संबंधित स्कूल के हेडमास्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करके उनसे भी वसूली की जाएगी। क्योंकि वही रोजाना शिक्षकों की हाजिरी बीईओ एवं बीएसए कार्यालय भेज रहे हैं। इस पूरे रैकेट को तोड़ने की तैयारी है।

मान्यता की फाइलें भी खंगाली जाएंगी

गजीपुर। डीएम ने संकेत दिया है कि जो भी इधर स्कूलों को बेसिक शिक्षा विभाग एवं एडी बेसिक के स्तर से मान्यता दी गई है उसकी भी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि है कि स्कूलों की मान्यता के संबंध में किसी भी व्यक्ति को अगर कोई शिकायत है तो सीधे उन्हें बंद शिकायती पत्र दे सकता है। उसका नाम जरूरत के मुताबिक गुप्त रखा जाएगा।
 
फर्जी बीएड शिक्षकों भी होंगे चिंहित

गाजीपुर। डीएम ने बेसिक शिक्षा विभाग की व्यापक स्तर पर की गई समीक्षा के दौरान यह भी पाया कि जिले के परिषदीय विद्यालायों में फर्जी शिक्षकों की कुंडली खंगाली जाएगी। जिन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी हथिया ली है। इसके साथ ही इन शिक्षकों को बचाने वाले विभागीय अधिकारियों की भी निष्ठा देखी जाएगी। इन अधिकारियों के फर्जी शिक्षकों कोई कनेक्शन मिलता है तो उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा।

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