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यूपी में बनेगा संस्कृत शिक्षा निदेशालय, संविदा पर रखे जाएंगे शिक्षक

 यूपी में बनेगा संस्कृत शिक्षा निदेशालय, संविदा पर रखे जाएंगे शिक्षक 

प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की दशा सुधारने के लिए संस्कृत निदेशालय बनेगा। इसके अतिरिक्त सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती होने तक संविदा पर शिक्षक रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। 


गौरतलब है कि प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के लिए दो राजकीय विद्यालय और 973 सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। इनका संचालन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय करता है। जबकि दूसरे राज्यों में संस्कृत शिक्षा के लिए अलग से निदेशालय है। हाल ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की समीक्षा की थी। इसमें संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार करने और अलग से निदेशालय बनाने पर मंथन किया गया था। सूत्रों का कहना है कि संस्कृत शिक्षा के लिए नए विद्यालयों को मान्यता देने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर भी विचार किया गया। 
संस्कृति विद्यालयों में शिक्षकों के लगभग 50 फीसदी पद खाली   
प्रदेश में सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में प्राचार्य के 973 में से 604 पद और सहायक अध्यापकों के 3,974 में से 2,054 पद खाली हैं। इस तरह कुल 4,947 पदों में से 2,658 पद खाली है। मुख्यमंत्री ने इन पदों पर स्थायी भर्ती होने तक संविदा के आधार पर भर्ती के निर्देश दिए हैं। संस्कृत शिक्षा परिषद 1200 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेज चुका है। 

शैक्षिक सत्र 2019-20 में थे संस्कृत के 99,077 विद्यार्थी
शैक्षिक सत्र 2019-20 में संस्कृत विद्यालयों में कुल 99 हजार 77 विद्यार्थी अध्ययनरत थे। इनमें प्रथमा (कक्षा 8) में 3810, पूर्व मध्यमा प्रथम (कक्षा 9) में 36876, पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (कक्षा 10) में 22604, उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष (कक्षा 11) में  20348 और उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (कक्षा 12) में 15439 विद्यार्थी थे।   

इनका कहना :
संस्कृत शिक्षा का अलग निदेशालय खोलने का प्रस्ताव है। जबकि रिक्त पदों पर मानदेय के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी।   
-विनय कुमार पांडेय, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय

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