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यूपी में 28 निजी विश्वविद्यालयों को सरकार की मंजूरी का इंतजार, विभाग ने दी सफाई- लॉकडाउन के कारण हुई देरी

 यूपी में 28 निजी विश्वविद्यालयों को सरकार की मंजूरी का इंतजार, विभाग ने दी सफाई- लॉकडाउन के कारण हुई देरी

उत्तर प्रदेश में खुलने वाले 28 नए निजी विश्वविद्यालयों को सरकार की मंजूरी का इंतजार है। मुख्यमंत्री आवास पर 17 मार्च को आशय पत्र जारी होने के करीब सात महीने बाद भी उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इन संस्थानों के दस्तावेजों की जांच पूरी नहीं की जा सकी है। हालांकि विभाग इसके पीछे लॉकडाउन के कारण जांच प्रक्रिया के धीमी होने का हवाला दे रहा है।



विश्वविद्यालयों की पात्रता की जांच पूरी होने के बाद कैबिनेट में मंजूरी के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने पर अध्यादेश जारी कर या सदन चलने की स्थिति में विधेयक पारित कराया जाएगा। जानकारों का कहना है कि विभाग में आवेदनों की जांच की यही रफ्तार रही तो अगले शैक्षिक सत्र तक भी पचास प्रतिशत नए विश्वविद्यालय नहीं खुल सकेंगे। अभी प्रदेश में 27 निजी विश्वविद्यालय संचालित हैं। 28 नए संस्थानों के खुलने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 55 हो जाएगी। प्रदेश में 19 राज्य विश्वविद्यालय हैं।

दस हजार करोड़ का निवेश होगा : 

उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि 28 विश्वविद्यालयों को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। करीब दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष और दस हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
सभी तरह की जांच के बाद ही देंगे मंजूरी : डॉ. शर्मा
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का कहना है कि सरकार भी चाहती है कि प्रदेश में जल्द नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हो ताकि प्रदेश के बच्चों को शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। संस्थानों की भूमि का स्वामित्व, भूमि उपयोग परिवर्तन, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के निर्धारित मानक, संस्था की वित्तीय स्थिति, बैंक ऋण समेत सभी तरह की जांच की जा रही है।

उन्होंने बताया कि अभी 14 संस्थाओं को उनके दस्तावेजों में कमियां दूर करने के लिए पत्र लिखा गया है। संस्थाओं को अपनी पात्रता पूरी करने के लिए दो वर्ष का समय दिया गया है। जैसे-जैसे संस्थाएं निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के तहत निर्धारित मानक पूरी करती जाएंगी वैसे-वैसे विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी जाएगी। पात्रता पूरी नहीं करने वाले संस्थानों के आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे।

इन विश्वविद्यालयों को मिलनी है मंजूरी : 

रामकृष्ण चैरिटेबल ट्रस्ट नई दिल्ली, दीपक गुप्ता एजुकेशनल ट्रस्ट नई दिल्ली, श्रीराममूर्ति स्मारक ट्रस्ट लखनऊ, सरस्वती एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ, श्रीमती सरोज सिंह शिक्षण संस्थान लखनऊ, वरुणार्जुन ट्रस्ट इंदिरा नगर लखनऊ, मोहन सिंह शिक्षा संस्थान मथुरा, सोनल एजुकेशनल सोसाइटी मथुरा, वैदिक एंड फ्यूचरिस्टिक एजूकेट कंपनी अनौरा लखनऊ, प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट बंथरा लखनऊ, दयानंद दीनानाथ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन एजुकेशन सोसाइटी, फतेहचंद चैरिटेबल ट्रस्ट मुजफ्फरनगर, शिवरामदास गुलाटी मेमोरियल सोसाइटी प्रयागराज, भगवंत एजुकेशनल डेवपलमेंट सोसाइटी बिजनौर, बसंत शिक्षा समिति ट्रस्ट चंदौली, श्री आनंद स्वरूप एजुकेशनल ट्रस्ट आगरा, श्री दुर्गा मां शिक्षा सेवा समिति कानपुर, राजा राव राम बक्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति रायबरेली, अमरदीप मेमोरियल ट्रस्ट बृजराज सिंह स्मृति शिक्षा समिति कैंपस फिरोजाबाद, फूलन सिंह जनकल्याण ट्रस्ट फिरोजाबाद, हरिश्चचंद्र रामकली चैरिटेबल ट्रस्ट गाजियाबाद, श्री सिद्धिविनायक ट्रस्ट बरेली, श्री राजेंद्र कुमार गुप्ता ट्रस्ट बरेली,  राजीव मेमोरियल एकेडमिक वेलफेयर सोसाइटी मथुरा, बृजवासी एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी मथुरा, विद्या बाल मंजली सोसाइटी मेरठ, कैरियर कॉन्वेंट एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट लखनऊ, दुर्गा चैरिटेबल सोसाइटी गाजियाबाद।

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