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उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं: निशंक

उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं: निशंक

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि देश में इतनी सुविधाएं हैं कि अब छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं है। छात्रों की क्षमता स्मार्ट हैकथान जैसे कार्यक्रमों में भी दिखाई देती है। इस प्रोग्राम के जरिए इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को देश के 4500 निकायों और स्मार्ट सिटी में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। श्री निशंक मंगलवार को भाजपा के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत
इंजीनियंरिंग शिक्षा से संबद्ध प्रदेश के लोगों से संवाद कर रहे थे। इस योजना को ट्यूलिप के द्वारा चलाया जाएगा। इस साल करीब 25,000 स्टूडेंट्स इस प्रोग्राम के तहत इंटर्नशिप कर सकेंगे जबकि दो से तीन साल में यह संख्या बढ़कर एक करोड़ तक पहुंच जाएगी।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में आईआईटी, आईआईएम और विश्वविद्यालयों में छात्रों ने प्रयोगशालाओं में जमकर कार्य किया और पीपीई किट, वेंटीलेटर, सैनीटाइजर और उसकी सस्ती मशीनें और मास्क आदि बनाने का काम किया। इतना ही नहीं भारत के इन इंजीनियंरिंग संस्थानों द्वारा बनाई गई मशीनों की बाद केवल दो महीने में भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ। भारत में मेडिकल संस्थानों में कोरोनो वायरस को लेकर मनोयोग से शोध कार्य चल रहा है। भारत जल्दी ही वायरस से निपटने का टीका और दवाएं बनाने में सक्षम होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया। जिसके साथ पूरा देश खड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत स्वाबलम्बन से अगली कड़ी है। भारत अगले 25 सालों तक युवाओं का देश रहने वाला है। देश के युवा ही देश को विकास की ओर लेकर जाने का इंजन है। कोरोना संक्रमण के आपदा के दौरान हमारे देश के युवाओं ने प्रधानमंत्री के एक आह्वान मात्र पर इनोवेशन के क्षेत्र में क्रांति ला दी। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इसकी प्रस्तावना रखी, जबकि सम्मेलन का संचालन भाजपा प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने किया।

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