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69000 शिक्षक भर्ती में जारी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए लोगो को सच बताने की ओर एक और कदम:- नवीन मिश्रा.......की कलम से

69000 शिक्षक भर्ती में जारी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए लोगो को सच बताने की ओर एक और कदम:- नवीन मिश्रा.......की कलम से

*नवीन मिश्रा..........*💐🚩

पोस्ट को ध्यान से पढ़े और विपक्षी तक भेजें🤗☺️

*69हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा का टाईटल ही बता रहा है कि मेरा जन्म 25जुलाई 2017 मान०सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से मजबूर होकर सरकार के द्वारा हुआ है,जो कि प्रदेश में सबको पता है।*

खैर,जो नया प्रश्न फ्रेम हुआ कि सर्वोच्च न्यायालय ने *दो क्रमागत भर्तीयों में शिक्षामित्रों को उम्र और कुछ भारांक प्रदान करें।*✅

ठीक है,लेकिन *यह अधिकार कहाँ से राज्य सरकार को मिला कि नये नियम फ्रेम करके एन सी ई टी द्वारा निर्धारित समस्त योग्यता पूर्ण शिक्षामित्र को पासिगं मार्क को छिपाकर स्क्रीनिंग परीक्षा करवा कर बाहर कर दिया जाय।*

*जिस (उमा देवी बनाम कर्नाटक )को बेस बनाकर शिक्षामित्र का समायोजन क्वैश किया गया उसी ऑर्डर से जो शिक्षामित्र योग्यता पूर्ण करता है उसे भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित कर समान अवसर की सहभागिता भी प्रदान करता है*✅🤞

*विपक्षी को न तो सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दिखता है और न ही सिंगल बेंच के आदेश दिखते है ।*🙃

*बस, एक सनक परीक्षा को लेकर राज्य सरकार द्वारा नियमावली उद्धरित है और समय समय पर सरकार द्वारा न्यूनतम परीक्षा उत्तीर्णाक लगाने का पूर्ण अधिकार है।*🤣

*इसी असंगत और दोष पूर्ण आदेश को न्यायालय द्वारा निरस्त करके सरकार को बताया गया आपकी जो भी पावर है वो परीक्षा से पहले नोटिफिकेशन में है उसके बाद सरकार नियमों में परिवर्तन नहीं कर सकती है। उदाहरण 68500 देख सकते हो*🤟

*इसी आधार पर जब शिक्षामित्र के लिये मात्र दो भर्तियां (अवसर) ही है तो इसमें सरकार को नियम एवं शर्ते विज्ञापन के समय बताना चाहिए था । जैसा कि पूर्व भर्ती 68500 उसकी नजीर है*✅

★★★ *दूसरी बात इस परीक्षा के बाद किसी भी अभ्यर्थी का नया रजिस्ट्रेशन न० जारी नहीं होगा,न ही कोई नया फार्म अप्लाई करना है केवल कुछ औपचारिकताएं पूर्ण करनी होती है और वही रजिस्ट्रेशन आवेदन शिक्षको का चयन करता है ।*👑

*यह बात आपको ही नहीं अपितु समस्त अभ्यर्थियों को विधिवत मालूम है ।*✅

*इसी कारण विपक्षी मामले को लटका सकता है किन्तु शिक्षामित्र को जीतने से रोकना उसके वश में नहीं है।*🤞

सरकार के द्वारा परीक्षा उत्तीर्ण अंक छिपाना और परीक्षा बाद जारी करना ही *★★★ के दाढी में तिनका* को चरितार्थ करता है। 😄

★★★ *शिक्षामित्रों की जीत सुनिश्चित है ,बेवजह परेशान न रहे,जो हारता है वह डींग बहुत मारता है,एक महोदय तो फेसबुक पर पोस्ट कर चुके थे कि यह आर्डर फला डेट को आयेगा मैने देख लिया है। ऑर्डर तो न आया उल्टा ★★★रोना आ गया*🤗

^^^ _कुछ महाज्ञानी रोज उटपटांग तर्क हीन ,तथ्यहीन बाते इसलिए सोसलमीडिया पर लिखते है क्योंकि वह कमा नहीं पाये हाईकोर्ट में_👎

_अतः ठगों लेकिन अपने लोगो को समझाओ कि आदेश दोनो लखनऊ और इलाहाबाद के शिक्षामित्र के फेवर में थे आगे भी रहेगें।_✅

*नोट:- रोज रोज कोर्ट की नई नई थ्योरी देने वाले बीएड महानुभावों से एक निवेदन है कि कृपया ये और बता दें कि ऐसा कोई तर्क डबल बेंच में दिया है क्या जो सिंगल बेंच में न दिया हो आपके वकीलों द्वारा और अगर कोई नया तर्क नही दिया है तो फिर सिंगल बेंच के फैंसले में कोई कमी कैसे निकाली जिससे कि उस आदेश को डबल बैंच में पलट जाने के प्रति इतना आशान्वित होकर ढोल पीट रहे हो या फिर आगे चंदा पाने के लिए अभी से तैयारी चालू है क्योंकि आपकी ऐसी ही हजारों पोस्टें 29 मार्च 2019 से पहले भी सबने पढ़ीं और बाद में सिंगल बेंच का आर्डर भी पढ़ा।अतः लोगो को बरगलाना बन्द करो*✅😌


शेष बाद में.........…