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कोटा में फंसे यूपी के हजारों छात्र, योगी सरकार ने वापस लाने के लिए भेजीं 300 बसें

कोटा में फंसे यूपी के हजारों छात्र, योगी सरकार ने वापस लाने के लिए भेजीं 300 बसें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा से उत्तर प्रदेश के बच्चों को ले जाने के लिए बसें भेजी हैं. 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से कोटा में यूपी, बिहार समेत कई प्रदेशों के हजारों बच्चे फंसे हैं.
कोटा में फंसे हैं UP-बिहार समेत कई प्रदेशों के बच्चेसोशल मीडिया पर बच्चों ने चलाया था अभियानयूपी सरकार ने भेजी हैं 300 बसें, आज होंगी रवाना
राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा से उत्तर प्रदेश के बच्चों को ले जाने के लिए बसें भेजी हैं. उत्तर प्रदेश के बच्चे को लेकर आज 300 बसें रवाना होंगी. 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से कोटा में यूपी, बिहार समेत कई प्रदेशों के हजारों बच्चे फंसे हैं.

इन बच्चों ने ट्विटर पर #SendUsBackHome अभियान की शुरुआत की थी. छात्रों की समस्या को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पिछले 2 दिनों से केंद्र की एजेंसियों से बात करने की कोशिश कर रहे थे, मगर उन्हें भी निराशा हाथ लग रही थी. अब केंद्रीय एजेंसियों के कहने पर कोटा से बच्चों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई है.
इससे पहले खबर आई थी कि जम्मू कश्मीर प्रशासन कोटा में फंसे अपने राज्य के बच्चों को वापस बुलाना चाहती है मगर उन्हें परमिशन नहीं मिल पा रही है, जबकि बिहार सरकार ने कोटा से आने वाले बच्चों को लेने से मना कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से भी बच्चों को लाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है
क्या है मामला

राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश-बिहार-झारखंड समेत देश के दूसरे राज्यों के हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग विषयों की कोचिंग के लिए आते हैं. यह सभी छात्र 25 मार्च से फंसे हैं. चिंता की बात ये है कि इस शहर में तेजी से कोरोना का संक्रमण भी बढ़ रहा है. यहां पर अभी 64 कोरोना के मरीज हैं.
कोटा में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए छात्र और उनके परिवारवाले चिंतित हैं. छात्रों ने ट्विटर पर अभियान भी चलाया. मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में कोचिंग स्टूडेंट्स कई किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां पर उन्हें वापस जाने की अनुमति नहीं मिली. जिसके बाद यहां से छात्र निराश ही वापस लौट आए थे.