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कोविड-19 पर 15000 करोड़ रुपये का पैकेज सहित केंद्रीय कैबिनेट ने लिए ये फैसले

कोविड-19 पर 15000 करोड़ रुपये का पैकेज सहित केंद्रीय कैबिनेट ने लिए ये फैसले  

कोरोना वायरस महामारी को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों से सरकार चिंतित है। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नया अध्यादेश लाया गया है। इसके अलावा जावड़ेकर ने कैबिनेट द्वारा लिए गए अन्य फैसलों की भी जानकारी दी। 
कोरोना के रोकथाम के लिए 15,000 करोड़ रुपये की मंजूरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में 'भारत कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज' के लिए 15,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। 

धन का प्रयोग तीन चरणों में किया जाएगा
उन्होंने बताया कि मंजूर किए गए धन का उपयोग तीन चरणों में किया जाएगा और तत्काल कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए, 7774 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और बाकी धन का प्रयोग मिशन मोड दृष्टिकोण के तहत एक से चार वर्ष तक किया जाएगा। 

पैकेज का उद्देश्य कोविड-19 समर्पित उपचार सुविधाओं का विकास करना
जावड़ेकर ने बताया कि पैकेज के प्रमुख उद्देश्यों में कोरोना इलाज और कोविड-19 समर्पित उपचार सुविधाओं का विकास करना है ताकि भारत में वायरस के प्रसार को रोका जा सकें। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इसमें चिकित्सा उपकरणों की खरीद, संक्रमित रोगियों का इलाज और भविष्य में इस तरह की बीमारी के रोकथाम के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना भी शामिल हैं। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पैकेज प्रयोगशालाओं और बोलस्टर निगरानी गतिविधियों, जैव-सुरक्षा तैयारियों, महामारी अनुसंधान और समुदायों को सक्रिय रूप से संलग्न करने और संचार गतिविधियों का संचालन करने में भी मदद करेगा। जावड़ेकर ने कहा कि इन हस्तक्षेपों और पहलों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत लागू किया जाएगा।

उड़ानें फिर से शुरू करने पर फैसला नहीं
उड़ान सेवाओं के फिर से शुरू किए जाने पर जावड़ेकर ने बताया कि उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। दोबारा शुरू करने के समय इसकी घोषणा कर दी जाएगी। 

आयुष्मान योजना लाभार्थियों का कोरोना के इतर अन्य इलाज भी मुफ्त 
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को लेकर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अगर कोई लाभार्थी कोरोना के अलावा किसी भी अन्य इलाज के लिए किसी भी अस्पताल में जाता है तो उसका इलाज मुफ्त में किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिए मरीज के पास सरकारी अस्पताल से दिया गया सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। 

देश में कोरोना समर्पित 723 अस्पताल
देश में कोरोना के अस्पतालों पर जानकारी देते हुए जावड़ेकर ने बताया कि भारत में 30 जनवरी को पहला मामला सामने आया था, लेकिन जब चीन में इस वायरस के बारे में पता चला तो पीएम मोदी ने इसके रोकथाम की तैयारी करने का आदेश दे दिया था। 

उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में कोरोना समर्पित 723 अस्पताल है, जिनमें 1,86,000 आइसोलेशन बेड, 4000 आईसीयू बेड और 12,190 वेंटिलेटर हैं और इन सभी चीजों को तीन महीने के अंतराल पर तैयार किया गया है। 

77 घरेलू कंपनियां पीपीई किट बना रही
पीपीई किट को लेकर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शुरू में हमारे यहां पीपीई किट की सुविधा नहीं थी, लेकिन आज देश में 77 घरेलू कंपनियां है जो इसे बनाने में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि एक करोड़ 88 लाख पीपीई किट का ऑर्डर दिया गया। एन95 मास्क की देश में 25 लाख की उपलब्धता है और ढाई करोड़ का ऑर्डर दिया गया है। 
 
आशा वर्करों सहित  सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों को बीमा कवर दिया गया
जावड़ेकर ने बताया कि आशा वर्करों जैसे सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों सहित सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए बीमा योजना कोविड-19' के तहत बीमा कवर दिया गया है।