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PRIMARY KA MASTER : शिक्षकों ने वेतन वृद्धि पर लगाई गई अस्थाई रोक हटाए जाने की मांग

 

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने बुधवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर वेतन वृद्धि पर लगाई गई अस्थाई रोक हटाए जाने की मांग की।



जिला संयोजक विकास यादव ने बताया कि जिले के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों का बौद्धिक मूल्यांकन कराया गया था। इस परीक्षा के परिणाम में लाल श्रेणी वाले 274 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों की वेतन वृद्धि पर अस्थाई रोक लगाई गई थी।


इसके बाद जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से चेतावनी देकर 252 विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन वृद्धि पर लगी रोक हटा दी गई, लेकिन 22 विद्यालयों के शिक्षकों की वेतन वृद्धि बहाली नहीं की गई है।


वेतन वृद्धि अवरूद्ध हुए सात माह से अधिक का समय बीत चुका है। ज्ञापन देकर वेतन वृद्धि बहाल करने की मांग की गई है।


इस दौरान उधमसिंह, पुष्पेंद्र तोमर, पंकज राठी, विजय राठी, रविंद्र सिंह, राहुल वार्ष्णेय, हितेश कुमार शर्मा, देशराज शर्मा, अब्दुर रहमान, प्रमोद कुमार, कृष्णा चौहान, प्रफुल्ल कुमार, अनिल, अमित, बृजेश और पूनम आदि शिक्षक मौजूद रहे।


प्रमुख मांगें:


22 विद्यालयों के शिक्षकों की वेतन वृद्धि पर लगी रोक तत्काल हटाया जाए।

शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ जून 2023 से दिया जाए।

भविष्य में इस तरह की अस्थायी रोक न लगाई जाए।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।


यह खबर संभल जनपद की है. 

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