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बेसिक-माध्यमिक में आधुनिक शिक्षा का बढ़ेगा दायरा, संसाधन भी बढ़ेंगे


लखनऊ। प्रदेश सरकार का बेसिक व माध्यमिक शिक्षा में आधुनिकीकरण पर जोर है। इसका असर आगामी वित्तीय वर्ष का बजट में भी दिख रहा है। बेसिक विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनसे विद्यालयों में आधुनिक शिक्षा व संसाधनों को बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। वहीं, 57 जिलों में एक-एक नए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय बनेंगे।


नए मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालय प्री प्राइमरी से इंटर स्तर के होंगे। इनमें 1,000 बच्चों के बैठने व पढ़ाई की व्यवस्था होगी। पांच एकड़ में बनने वाले इन विद्यालयों में सोलर प्लांट, स्मार्ट क्लास, ई कार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) लैब
बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। वहीं, हर जिले में एक-एक विद्यालय मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय के रूप में भी अपग्रेड किए जाएंगे। कक्षा एक से आठ तक के इन स्कूलों में मिड-डे- मील के लिए अलग शेड व किचेन, वाईफाई सुविधा, बाल वाटिका, स्मार्ट क्लास रूम, फर्नीचर व लाइब्रेरी आदि सुविधाएं होंगी।

ऑपरेशन कायाकल्प के तहत ज्यादातर प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब, स्वच्छ
पेयजल, शौचालय, मल्टीपल हैंडवाश यूनिट, दिव्यांग शौचालय, रैंप, क्लास रूम, फर्नीचर, टाइल्स व विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था होगी। इस तरह परिषदीय विद्यालयों में हर आधुनिक व मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।

सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब चालू वित्तीय वर्ष में जहां 303 राजकीय माध्यमिक

विद्यालयों में स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब की स्थापना की गई है। वहीं आगामी वित्तीय वर्ष में समग्र शिक्षा के तहत 516 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। इससे प्रदेश के सभी 2300 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब, विद्युतीकरण, आधुनिक कक्ष व प्रयोगशाला का निर्माण कराया जाए‌गा
अयोध्या, नैमिषारण्य समेत पांच शहरों में बनेंगे आवासीय संस्कृत विद्यालय

प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय संस्कृत विद्यालयों की संख्या में वृद्धि होगी। सरकार ने बजट में पांच नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे अयोध्या, मधुरा, नैमिषारण्य, प्रयागराज व चित्रकूट में एक-एक आवासीय संस्कृत विद्यालय बनगे। इनके लिए जमीन तय कर ली गई है। उत्तर मध्यमा (इंटर) स्तर के इन विद्यालयों में सौ-सी बेड के छात्रावास भी बनेंगे। वहीं, 11 अन्य शहरों रायबरेली, अमेठी, हरदोई, वाराणसी, सहारनपुर, शामली, जालौन, मुरादाबाद, एटा, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में भी संस्कृत विद्यालय बनाए जाएंगे। इनका निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

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