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कम मानदेय पर शिक्षा मित्रों ने जताया विरोध, मात्र ढाई हजार रुपये की बढ़ोत्तरी कदापि स्वीकार नहीं


श्रावस्ती। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हजार रुपये से बढ़ा कर 12,500 रुपये करने पर विचार कर रही है। इसके लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किया गया है। इस बढ़ोत्तरी से नाखुश शित्रा मित्रों ने इस महंगाई के दौर में मात्र ढाई हजार रुपये की बढ़ोत्तरी को काफी कम बताते हुए इस पर विरोध जताया है। शिक्षा मित्रों का कहना है कि उन्हें सेवा प्रदाता के माध्यम से काम करने वाले कर्मियों से कम मानदेय स्वीकार नहीं है।

शिक्षामित्र राम कुमार मिश्र ने बताया कि उनका संगठन सम्मानजनक मानदेय के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। सरकार ने भी शिक्षा मित्रों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मानदेय में सम्मानजनक बढ़ोत्तरी का भरोसा दिलाया था।



अब मात्र ढाई हजार रुपये की बढ़ोत्तरी कदापि स्वीकार नहीं की जाएगी। शिक्षा मित्र रेनू पांडे ने बताया कि सेवा प्रदाता के माध्यम से बीआरसी में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर को कटौती के बाद साढ़े तेरह हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। सुषमा पाठक ने कहा कि इतने कम मानदेय में बच्चों की पढ़ाई तो दूर घर खर्च चलाना भी चुनौती पूर्ण है। ऐसे में सरकार शिक्षा मित्रों का मानदेय कम से कम 35 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह सुनिश्चित कराये.

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