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दुखद: आखिरी पेपर से पहले 12वीं की छात्रा ने सुसाइड किया



झांसी में 12वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसके 12वीं के पेपर चल रहे थे और केमिस्ट्री का पेपर खराब होने से वह परेशान थी। अंतिम पेपर के एक दिन पहले शुक्रवार को उसने सुसाइड कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। आज मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम होगा। फिलहाल, पुलिस को लड़की के कमरे से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है।








मां पढ़ते हुए छोड़ गई थी


मृतक छात्रा का नाम प्रियंका कौशिक (17) है। वह प्रेम नगर थाना क्षेत्र के खाती बाबा इलाके के ईसाई टोला की रहने वाली थी। बड़ी दो बहनें मोनिका और लक्ष्मी हैं। एक बहन डॉक्टर के यहां जॉब करती हैं। उसी डॉक्टर के घर पर मां सुषमा देवी खाना बनाने का काम करती हैं। पिता मुकेश वेल्डिंग का काम करने बाहर गए । शाम 5 बजे दोनों बहनें और थोड़ी देर बाद मां काम पर चली गईं। जब मां गई तब प्रियंका पढ़ रही थी।

पिता ने देखा तो फंदे पर लटकी थी बेटी चाचा मनीष सिंह ने बताया, " शाम करीब 7 बजे प्रियंका की मां काम से लौट कर आई, तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा खटखटाने पर नहीं खुला। मां ने सोचा कि बेटी पढ़ते हुए सो गई होगी। इसलिए घर का काम करने लगी। थोड़ी देर बाद पिता आए तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया।




कोई आवाज नहीं आने पर शक हुआ तो रोशनदान से झांक कर देखा। तब बेटी प्रियंका कमरे के अंदर दुपट्टे से लटकी थी। शोर सुनकर आस-पास के लोग जुट गए। दरवाजा तोड़कर बेटी के शव को नीचे उतारा । निजी अस्पताल में ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया । "



परिजनों ने थाने जाकर दी सूचना
चाचा ने आगे बताया, "अस्पताल से प्रियंका के शव को घर ले गए। फिर प्रेम नगर थाना जाकर पुलिस को सूचना दी। तब पुलिस आई और देर रात शव को मेडिकल कॉलेज के पोस्टमॉर्टम हाउस में भिजवाया गया। मुकेश की तीन बेटियों में प्रियंका सबसे छोटी थी। दो बेटी जॉब करती थी, जबकि छोटी बेटी पढ़ रही थी।"

पेपर खराब होने से तनाव में थी चाचा मनीष सिंह ने बताया, "प्रियंका निर्मला कॉन्वेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ रही थी । वह पढ़ने में बहुत होशियार थी। दसवीं में भी उसकी अच्छी पर्सेटेज आई थी। अब वह बायोलॉजी से इंटर कर रही थी। एक मार्च को उसका केमिस्ट्री का पेपर हुआ था, जो खराब हो गया था। इसको लेकर प्रियंका तनाव में चल रही थी। शनिवार को प्रियंका का बायोलॉजी का अंतिम पेपर था। "

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