Header Ads

स्नातक के बाद अब पीएचडी की तैयारी


लखनऊ। एलयू अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत छात्र अरुण गुप्ता ने सीईपीटीएएम परीक्षा में सफलता हासिल की। इनका चयन डीआरडीओ के आर एंड डी विभाग में वरिष्ठ तकनीकी सहायक के पद पर हुआ। विभाग के इंचार्ज डॉ. कमलेश तिवारी ने बताया कि अरुण ने पिछले साल की परीक्षा में भी टॉप किया है। छात्र ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता-पिता एवं विश्वविद्यालय के गुरुजनों को दिया।


लखनऊ, संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही पीएचडी के अध्यादेश में संशोधन करेगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है जिसका प्रस्ताव शनिवार को अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को भेजा है।

प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि अध्यादेश में बदलाव के बाद छात्र चार वर्ष के स्नातक के बाद सीधे पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें परास्नातक करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लेकिन पीएचडी में उन्हीं छात्रों को प्रवेश मिलेगा, जिनके अंक 75 प्रतिशत से अधिक होंगे। इससे कम अंक होने पर उन्हें एक वर्ष का परास्नातक कोर्स करना पड़ेगा। पीएचडी पूरी करने की अवधि कम से कम तीन वर्ष होगी, जबकि अधिकतम 7 वर्ष होगी।

करियर के अवसरों पर व्याख्यान दूरदर्शन के सहायक निदेशक आत्म प्रकाश मिश्रा ने कहा कि पेशेवर जीवन में अच्छी तरह से काम करने के लिए भौतिक, बुद्धि, भावनात्मक और आध्यात्मिक भागफल जैसे पहलुओं का ध्यान रखना चाहिए। वह एलयू के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में सोमवार को विश्व रेडियो दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि रहे।

आत्म प्रकाश मिश्रा ने ‘पत्रकारिता के समकालीन युग में करियर के अवसर’ पर आयोजित व्याख्यान में छात्रों को एक अच्छी पटकथा लिखने के लिए आवश्यक गुणों और मंच संचालन के बारे में विस्तार से छात्र-छात्राओं को बताया।

कोई टिप्पणी नहीं