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खाली बस्ता, नहीं है किताब... कैसे पढ़ें क, ख, ग



मेरठ। शैक्षिक सत्र शुरू हुए पांच माह होने को है, लेकिन अभी तक नौनिहालों के पास पढ़ने के लिए किताबें नहीं हैं परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राएं अभी तक अधूरा ज्ञान ही ले रहे हैं। कई विषयों की किताबें अभी तक स्कूलों में नहीं पहुंची है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि शासन स्तर से ही किताबें मिलने में देरी हो रही है






एक अप्रैल से शैक्षिक सत्र शुरु हो गया था और अब आधा सत्र बीतने की है। परिषदीय स्कूलों में अभी तक बिना किताबों के कक्षाएं संचालित हो रही हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में किताबें न मिलने के कारण शिक्षक बच्चों को ब्लेक बोर्ड पर लिखकर पढ़ा रहे हैं।

हालांकि शासन स्तर से कोर्स की कुछ किताबें दे दी गई हैं लेकिन महत्वपूर्ण विषयों की किताबें ही अभी तक नहीं पहुची है। जिले के 1072 परिषदीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं आधे सत्र बीत जाने तक भी किताबों का ही इंतजार रहे हैं। मेरठ जिले में कुल 637 प्राथमिक 171 उच्च प्राथमिक और 264 कंपोजिट विद्यालय हैं अभी तक विद्यार्थियों की अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों की किताबें ही छात्रों को नहीं मिली है केसरगंज में संचालित राजकीय कन्या विद्यालय में कक्षा छह से आठ तक 150 छात्राएं पढ़ती हैं। शिक्षिका पूनम शर्मा ने बताया कि वह कक्षा छह व आठ को पढ़ाती हैं दोनों ही कक्षाओं में 11-11 किताबें कोर्स में शामिल हैं। आठवीं के बच्चों को सिर्फ पांच और छड़ी के बच्चों को सिर्फ तीन किताबें ही मिली है। आठ में अंग्रेजी, पर्यावरण, गृह विज्ञान, खेल स्वास्थ्य जैसे विषयों की किताबों से अभी तक बच्चे वंचित है। संवाद

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