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सरकारी विद्यालय के विद्यार्थी भी बोलेंगे फर्राटेदार अंग्रेजी, इस तरीके से सिखाया जाएगा अंग्रेजी बोलना

नोएडा।
जिले के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी भी बहुत जल्द सीबीएसई स्कूलों के छात्रों की तरह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते नजर आएंगे। इसके लिए शनिवार को प्रत्येक परिषदीय विद्यालय के दो-दो शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक विद्यार्थियों को आसान तरीके से अंग्रेजी का ज्ञान देंगे। इसको लेकर शासन ने निर्देश दिए हैं।


आधुनिकता के इस दौर में अंग्रेजी अनिवार्य हो गई है। हर अभिभावक की चाहत है कि उनका बच्चा फर्राटेदार अंग्रेजी बोले। इसलिए अधिकांश अभिभावकों की बच्चों को शिक्षित कराने के लिए सीबीएसई स्कूल पहली पसंद रहती है। सरकारी स्कूल के बच्चे बेहतर माहौल न होने के कारण सीबीएसई के बच्चों के मुकाबले कई क्षेत्रों में पिछड़ जाते हैं। वहीं, सार्वजनिक स्थान पर अंग्रेजी में जवाब न देने पाने से भी छात्रों में हीनभावना आती है। ऐसे में शासन ने सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा -1 एक से आठ तक के 1.07 लाख विद्यार्थियों को भी अंग्रेजी में माहिर करने की नीति बनाई है। जिले में शनिवार से इस कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। जिला प्रशिक्षण समन्वयक विनय सिंह ने बताया कि बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए विद्यालयों के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए नोएडा की संपर्क फाउंडेशन से मदद ली गई है। संस्था से मिलने वाले उपकरणों व प्रशिक्षण के बाद शिक्षक स्कूल में बच्चों को अंग्रेजी सिखाएंगे। स्कूलों को संस्था वर्कबुक भी उपलब्ध कराएगी जिससे बच्चे पढ़ने व लिखने संबंधी गतिविधियां कर सकते हैं।


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संपर्क स्मार्ट शाला ऐप का भी लेंगे सहारा


टीएलएम किट के अलावा शिक्षक संपर्क स्मार्ट शाला ऐप का भी सहारा लेंगे। इस ऐप को शिक्षक गूगल प्ले स्टोर से अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। ऐप के जरिए शिक्षक बच्चों को पढ़ाई से संबंधित वीडियो और ऑडियो देखा कर वर्क सीट हल कराएंगे। मूल्यांकन के लिए कौन बनेगा करोडपति गेम पर आधारित खेल से बच्चों का मूल्यांकन भी किया जाएगा।

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इस तरीके से सिखाया जाएगा अंग्रेजी बोलना

- टीचर ट्रेनिंग डायरी के लेसन प्लान शिक्षकों को दिए जाएंगे

- रबर अल्फाबेट

- ऑडियो डिवाइस

- वर्ड चार्ट और रबर से बने साईट वर्ड

- थीम चार्ट

- प्रोग्रेस चार्ट



इसको लेकर शासन से आदेश प्राप्त हुआ था। शनिवार को सभी शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। सभी शिक्षक ऑनलाइन जुडेंगे। बच्चों की स्थिति न सुधरने पर शिक्षक को ही जिम्मेदार समझा जाएगा, इसको लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।

- धर्मेंद्र सक्सेना, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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आशीष धामा

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