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मौसम का हाल: तीन दिनों तक गरज के साथ बारिश की संभावना

, लखनऊ : शहर में गुरुवार को मौसम शुष्क रहा, लेकिन बादलों की आवाजाही बनी रही। दिन में धूप खिली, लेकिन हवा का असर भी दिखा। मौसम विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों तक शुष्क मौसम के साथ घने कोहरे और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के साथ लगभग 30 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही 22, 23 और 24 जनवरी को पूरे प्रदेश में गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं।


गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 17.8 और न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लखनऊ के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। लगभग पूरे प्रदेश में ठंडे दिन की स्थिति और सुबह के समय कोहरा रहा।

प्रदेश में सबसे कम तापमान गाजीपुर में 3.5 डिग्री सेल्सियस, फतेहगढ़ में 3.8 डिग्री सेल्सियस और फुरसतगंज में 4.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, अधिकतम तापमान फतेहगढ़ में 21.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार, शुक्रवार सुबह आसमान साफ रहेगा, लेकिन दोपहर बाद बादलों की उपस्थिति देखी जा सकती है। सुबह के समय हल्के से मध्यम कोहरा रहेगा।

अधिकतम तापमान 20 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। उन्होंने बताया कि 21 जनवरी से प्रदेश के कुछ स्थानों पर पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जाने लगेगा, जिससे 22, 23 और 24 जनवरी को पूरे प्रदेश में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। गुरुवार को लखनऊ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 252 पर दर्ज किया गया।

मौसम में आया बदलाव आलू के लिए अभिशाप बना तो वहीं, सरसों के लिए वरदान साबित हुआ है। आलू की फसल बहुत अधिक प्रभावित हो रही है। बख्शी का तालाब के चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आलू की फसल में इस समय झुलसा बीमारी का प्रकोप बढ़ता है। यदि किसान समय रहते इस बीमारी का प्रबंधन कर लें तो उत्पादन के ऊपर प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सरसों के लिए वरदान और आलू के लिए अभिशाप बना मौसम

सूरज की लुकाछिपी के बीच गुरुवार को शीत लहर ने लोगों को कंपा दिया ’जागरण

मील प्रति घंटे की रफ्तार से 22, 23 और 24 जनवरी को चलेगी हवा मौसम विभाग की चेतावनी, पश्चिमी विक्षोभ दिखाएगा अपना असर

ये उपाय करें किसान

लक्षण दिखते ही किसानों को कापर आक्सिक्लोराइड को दो किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए। अधिक प्रकोप की दशा में फफूंदी नाशक डाइथेन एम 45 दवा दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर उसका छिड़काव करें। खेत में मांहू दिखाई दे तो इमिडाक्लोप्रिड नामक कीटनाशक की 0.5 मात्र को एक लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना लाभकारी होगा।

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