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Fortified rice in Mid-Day Meal : मिड डे मील के तहत बच्चों को मिलेगा फोर्टिफाइड चावल, केंद्र ने राज्य सरकारों को दिया ये निर्देश

 Fortified rice in Mid-Day Meal : मिड डे मील के तहत बच्चों को मिलेगा फोर्टिफाइड चावल, केंद्र ने राज्य सरकारों को दिया ये निर्देश

Fortified rice in Mid-Day Meal: अब देशभर में चल रहे सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत सामान्य चावल के बजाय फोर्टिफाइड चावल बच्चों के लिए परोसा जाएगा. केंद्र सरकार ने पर्याप्त स्टॉक होने के बाद बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन में फोर्टिफाइड चावल के उपयोग को हरी झंडी दिखा दी है, इशके साथ ही राज्यों को इसके उपयोग में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.



राज्यों को फोर्टिफाइड चावल के स्टॉक को बढ़ाने के निर्देश
 
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 20 अक्टूबर को इस मुद्दे पर राज्यों को पत्र लिखा था. अपने पत्र में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से विशेष रूप से मिड डे मील के लिए फोर्टिफाइड चावल की खेप लाने को कहा था. स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के संयुक्त सचिव आरसी मीणा ने राज्य के शिक्षा सचिवों को फोर्टिफाइड चावल के स्टॉक को बढ़ाने के लिए कहा गया है. 

अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सितंबर में मिड डे मील का नाम बदलकर पीएम पोशन कर दिया गया था. इस साल स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 2024 तक राशन की दुकानों और मध्याह्न भोजन और एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) के तहत केवल फोर्टिफाइड चावल वितरित किए जाएंगे, जिसमें बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं को शामिल किया गया है.


सरकार कर रही फोर्टिफाइड चावल आवंटित 

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार पीएम पोषण और आईसीडीएस योजनाओं के तहत क्रमशः 1.05 और 6.36 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) फोर्टिफाइड चावल आवंटित किए गए हैं, लेकिन राज्यों द्वारा अब तक क्रमश: 0.57 एलएमटी और 2.09 एलएमटी ही लिया गया है. अक्टूबर-मार्च अवधि के लिए पीएम पोषण के तहत चावल का कुल आवंटन 13.9 एलएमटी है.

एफसीआई ने केंद्र को जानकारी दी है कि 'हालांकि पर्याप्त मात्रा में फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों की कमी के कारण राज्य अपना हिस्सा नहीं ले रहे हैं.' एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहां पीएम मोदी ने फोर्टिफाइड चावल के पूर्ण कवरेज के लिए समय सीमा 2024 निर्धारित की है, वहीं मंत्रालय लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश कर रहा है

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