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अब सरकारी स्कूलों के बिजली का बिल भरेंगे ग्राम प्रधान

 अब सरकारी स्कूलों के बिजली का बिल भरेंगे ग्राम प्रधान

गाजीपुर। सरकारी विद्यालयों के बिजली बिल का भुगतान संबंधित गांव के प्रधान भरना होता है। लेकिन, इसका जिम्मा नहीं उठाने से विद्यालयों को कई बार बिजली संबंधी दुर्व्यवस्था से जूझना पड़ता है। कई बार बिलों का भुगतान समय पर नहीं होने से तमाम विद्यालयों के कनेक्शन कट जाते हैं। फिलहाल जिले के कुल 2269 परिषदीय •विद्यालयों में से 1986 में बिजली का कनेक्शन है। इनमें से अधिसंख्य स्कूलों का अप्रैल 2018 से बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया गया

बेसिक शिक्षा विभाग की मानें तो ग्रामीण परिसंपत्तियों पर सारे खर्च का जिम्मा ग्राम प्रधान का होता है। इसलिए साल 2018 से परिषदीय विद्यालयों के बिजली बिल का भी भुगतान उन्हीं को कराना होता है। शासन के निर्देश के मुताबिक, मार्च 2018 से पहले परिषदीय विद्यालयों के बिजली का बकाया ही सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग भरेगा। अप्रैल 2018 के बाद के बिजली बिल का भुगतान ग्राम पंचायतों को ही करना होगा आज कल सरकारी स्कूलों में जिस तरह स्मार्ट क्लासेज चलाई जा रही और बायोमैट्रिक हाजिरी की कवायद चल रही है। उसे देखते हुए स्कूलों में बिजली का कनेक्शन होना जरूरी हो गया है। अधिकांश परिषदीय विद्यालयों ने जैसे तैसे बिजली के कनेक्शन करा लिए, लेकिन बिजली बिल जमा करने का संकट पैदा होने से कई स्कूलों पर बिजली विभाग का लाखों-करोड़ों रुपए का बकाया हो गया। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने अपना रुख साफ कर दिया है। इसमें ग्राम प्रधान को ही सरकारी स्कूलों के बकाए का भुगतान करना होगा।


परिषदीय विद्यालयों पर अप्रैल 2018 से बिजली के बकाए का भुगतान ग्राम पंचायतों को करना होगा उसके पहले का भुगतान बेसिक शिक्षा विभाग को करना होगा.
 हेमंत राव, बीएसए

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