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नई पेंशन योजना व निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन, प्रदेश भर में कर्मचारियों ने निकाली पदयात्रा, लखनऊ में रोके गए कर्मचारी

 नई पेंशन योजना व निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन, प्रदेश भर में कर्मचारियों ने निकाली पदयात्रा, लखनऊ में रोके गए कर्मचारी

लखनऊ। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के आह्वान पर नई पेंशन योजना और निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को प्रदेश भर में कर्मचारियों, शिक्षकों व अधिकारियों ने हुंकार भरी कर्मचारियों ने प्रदेश भर में पदयात्रा निकालकर अपनी ताकत का एहसास कराया। लखनऊ में कर्मचारियों ने पदयात्रा निकालने को कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। इससे नाराज कर्मचारी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। बाद में पुलिस ने ज्ञापन लेकर प्रदर्शन खत्म कराया। कर्मचारियों ने अब 21 नवंबर की राजधानी में पेंशन शंखनाद रैली करने का एलान किया है।


राजधानी में प्रस्तावित पदयात्रा के लिए विभिन्न विभागों के कर्मचारी शुक्रवार दोपहर बाद से ही शहीद स्मारक स्थल पर जुटने लगे थे।
करीब तीन बजे शहीद स्मारक से कर्मचारियों के जत्थे ने डीएम आवास के सामने स्थित कर्मचारी नेता स्व. बीएन सिंह की प्रतिमा के लिए कूच किया लेकिन गांधी भवन के सामने पुलिस ने रोक लिया। इस पर कर्मचारी सड़क पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। करीब डेढ़ घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने एसीपी चौक आईपी सिंह को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय बंधु ने सरकार को आगाह किया की पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय नहीं लिया गया तो उसे चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेगा। प्रदर्शन में चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार, पीडब्ल्यूडी के भारत सिंह यादव, लुआक्टा के अध्यक्ष मनोज पांडे, चतुर्थ कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे समेत कई संगठनों के कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल हुए।

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