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शिक्षकों के 21 सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को मजबूर होंगे शिक्षक

 शिक्षकों के 21 सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को मजबूर होंगे शिक्षक


वाराणसी : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. दिनेशचंद्र शर्मा के नेतृत्व में बेसिक शिक्षकों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली, विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं सहित बेसिक शिक्षकों व शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों के 21 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्वीट अभियान चलाया गया जिसमें "शिक्षकों द्वारा 10 लाख से भी अधिक ट्वीट" किया गया। सनतकुमार सिंह जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष व अध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ काशी विद्यापीठ वाराणसी ने बताया कि विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं यथा विद्युत, पंखे, फर्नीचर, चहारदीवारी, शुद्ध पेयजल, पुरानी पेंशन बहाली ग्रीष्मावकाश की जगह उपार्जित अवकाश, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, परिवार नियोजन भत्ता बहाली, शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों को शिक्षक पद पर स्थाई युक्ति, सामूहिक बीमा 10 लाख, मृतक शिक्षक के पाल्यों को टी ई टी से छूट देकर शिक्षक व इण्टर मीडिएट को योग्यतानुसार तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति, न्यूनतम मूलवेतन 17140 व 18150 का वेतन निर्धारण, अन्तर्जनपदीय व जनपद के भीतर स्थानानान्तरण, पदोन्नति, ए सी पी या सभी को प्रोन्नतवेतनमान का लाभ, विद्यालय संविलियन को समाप्त कर पूर्व की स्थिति बहाल करने, प्रत्येक विद्यालय में लिपिक व परिचारक की नियुक्ति तथा कोरोनावायरस संक्रमण के दौर में मृतक शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के आश्रितों को 01करोड़ रुपए अनुग्रह राशि व उनके परिवार को नौकरी व पुरानी पेंशन का लाभ तथा रसोइयों, अनुदेशकों व शिक्षामित्रों को स्थाई करने एवं उनके मानदेय बढ़ाने की मांग संगठन द्वारा किया जा रहा है जिसे स्वीकार किया जाना आवश्यक है अन्यथा की स्थिति में शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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