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मृतक आश्रितों को अनुग्रह राशि देने के आदेश पर पुनर्विचार करे सरकार

 मृतक आश्रितों को अनुग्रह राशि देने के आदेश पर पुनर्विचार करे सरकार

लखनऊ । कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों, शिक्षकों, अधिकारियों की मृत्यु होने पर दी जाने वाले अनुग्रह राशि के शासनादेश में सुधार की मांग की है। पदाधिकारियों का कहना है कि शासनादेश में सुधार कर यह लिखा जाए कि जिन कर्मियों ने चुनाव ड्यूटी की है उनकी मृत्यु की दशा में अनुग्रह राशि अनुमन्य होगी। जबकि शासनादेश में कर्मियों के चुनाव ड्यूटी स्थल से घर तक पहुंचने पर मृत्यु होने की दशा में अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह शासनादेश चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारी, शिक्षकों और अधिकारियों के साथ धोखा है।



मंच की बैठक में बुधवार को अध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा अध्यक्ष, प्रधान महासचिव सुशील कुमार, अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद इं. हरिकिशोर तिवारी, अध्यक्ष चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ रामराज दुबे ने कहा कि कोरोना के लक्षण चार या पांच दिन के बाद शुरू होते हैं। अनजाने में व्यक्ति आठ-दस दिन बीत जाने के बाद ही टेस्ट कराता है। ऐसे में उसकी मृत्यु पांच या दस दिन बाद होती है। अगर अनजाने मे कोई कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो गया है तो उसकी मृत्यु होते-होते बीस दिन का समय लग जाता है। ऐसे में मात्र ड्यूटी के दौरान या घर पहुंचने तक की पात्रता मतलब क्या है।

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