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देशभर के स्कूल भले ही बंद हैं लेकिन बच्चों को मिलता रहेगा मिड डे मील

 देशभर के स्कूल भले ही बंद हैं लेकिन बच्चों को मिलता रहेगा मिड डे मील

कोविड-19 के संक्रमण के चलते खतरे को भांपते हुए सरकार ने स्कूल बंद कर रखे हैं और आगे भी बंद रखने की संभावना है लेकिन फिर भी स्कूलों में पढ़ने लिखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए पहले की तरह मिड-डे मील मिलता रहेगा। साथ ही परिवर्तन लागत का भी भुगतान उनके खाते में किया जाएगा। 



केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुझाव दिया है कि वह कन्वर्जन कास्ट नहीं दे पा रहे हैं तो इसके बदले दूसरी पोषण युक्त चीजें छात्र- छात्राओं को हर कीमत पर उपलब्ध कराएं इसके साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी निर्देश दिए हैं कि नामांकित छात्र-छात्राओं और उन्हें अब तक प्रदान किए गए खाद्यान्न आदि का ब्यौरा का तत्काल उपलब्ध कराएं ताकि जल्द से जल्द केंद्रीय मदद भी मिल सके।

अब तक कक्षा 01 से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों को खाद्यान्न दिया जाता है। लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद सरकार ने प्री प्राइमरी से ही बच्चों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की तैयारी में है। मिड-डे मील योजना के तहत स्कूलों में प्राइमरी के बच्चों को हर दिन सौ ग्राम अनाज और भोजन तैयार करने के लिए करीब पांच रुपये दिया जाता है। वह अपर प्राइमरी के बच्चों के हर दिन डेढ़ सौ ग्राम अनाज और भोजन तैयार करने के लिए करीब 7 रुपया दिया जाता है। 

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